लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की गंगा यात्रा प्रदेश की जनता की धार्मिक आस्था के साथ खिलवाड़ है। क्योंकि नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल(एन.जी.टी.) की रिपोर्ट के अनुसार गंगा पहले से ज्यादा प्रदूषित हुई और हानिकारक कीटाणुओं की संख्या डेढ़ गुने से ज्यादा बढ़े। एन.जी.टी. ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि आधे से ज्यादा घाटों पर गंगा आचमन लायक भी नहीं बची है। योगी सरकार गंगा की सफाई के नाम पर सिर्फ दिखावा ही कर रही है। दिल्ली में अभी हाल ही में प्रधानमंत्री को दिए प्रजेंटेशन में उ0प्र0 के कार्यवाहक मुख्य सचिव रहे आर0के0 तिवारी ने स्वीकार किया है कि 27 नाले अभी भी गंगा में गिर रहे हैं, तो फिर सरकार किस मुंह से गंगा यात्रा निकाल रही है। चाहे केंद्र की सरकार हो या प्रदेश की, गंगा सफाई सिर्फ कागजों में हुई है। नमामि गंगे, उत्तर प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड और जल शक्ति विभाग सहित अन्य विभागों ने गंगा सफाई के नाम पर हजारों करोड़ का भ्रष्टाचार किया है।

उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि जिन नालों को कागजों में बंद बताया गया है, वह भी बिजनौर से लेकर वाराणसी तक गंगा में गिर रहे हैं। इसका प्रमाण कानपुर का सीसामऊ नाला है। एक माह पहले ही यहां पर प्रधानमंत्री और देश के पांच मुख्यमंत्रियों ने बैठक की थी। उस समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया था कि अब सीसामऊ नाला इतिहास बन गया है, लेकिन यही नाला फिर से गंगा की अविरल धारा को मैला कर रहा था। इसी तरह वाराणसी में भी कई नाले गंगा में बेरोकटोक समाहित हो रहे हैं। जबकि यह स्थिति तब है जब प्रयागराज में माघ मेला चल रहा है। प्रदूषित जल में लाखों श्रद्धालु जीवनदायिनी गंगा में डुबकी लगाकर मोक्ष की आशा कर रहे हैं। सरकार इन श्रद्धालुओं के भावनाओं के साथ खेल रही है और उनके विश्वास को धोखा दे रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार सरकार की अकर्मण्यता का आलम यह है कि केन्द्र सरकार द्वारा नमामि गंगे के नाम पर आवंटित धनराशि का मात्र 20 प्रतिशत धन ही योगी सरकार खर्च कर पायी है, 80 प्रतिशत खर्च ही नहीं हो सका।

श्री अजय कुमार लल्लू जी ने कहा कि बीजेपी का झूठ खुद उन्हीं की पार्टी के बिठूर से विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने प्रेसवार्ता करके नमामि गंगे में व्याप्त व्यापक भ्रष्टाचार को उजागर किया है। जो सरकार के ऊपर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है। ऐसे में क्या भाजपा द्वारा गंगा यात्रा निकालना प्रदेश की जनता को धोखा देना नहीं है? क्या गंगा जी को धोखा देना नहीं है?