नई दिल्ली: डायरेक्ट टैक्स क्लेक्शन दो दशकों में पहली बार घट सकता है। सरकार ने टैक्स क्लेक्शन का जो लक्ष्य तय किया था वह करीब 45 प्रतिशत पीछे चल रहा है। इकनॉमिक ग्रोथ में गिरावट और कॉर्पोरेट टैक्स दर में कटौती के बाद सरकार के लिए आर्थिक सुस्ती के बीच यह एक और बड़ा झटका साबित हो सकता है। मोदी सरकार ने मार्च में खत्म हो रहे वित्त वर्ष के लिए डायरेक्ट टैक्स क्लेक्शन के लिए 13.5 लाख करोड़ रूपए के लक्ष्य निर्धारित किया है। यह लक्ष्य पिछले साल से 17 प्रतिशत ज्यादा है।

रॉयटर्स में छपी एक खबर के मुताबिक कुछ सीनियर टैक्स अधिकारियों ने जानकारी दी है कि डायरेक्ट टैक्स क्लेक्शन अपने तय लक्ष्य से पीछे है। अधिकारियों ने बताया है कि 23 जनवरी तक सरकार को डायरेक्ट टैक्स के रूप में कल 7.3 लाख करोड़ रूपए ही हासिल हुए हैं। जो पिछले वित्त वर्ष के इसी समय के मुकाबले करीब 5.5 फीसदी कम है। 7.3 लाख करोड़ रूपए के इस आंकड़े से फिलहाल जो तस्वीर सामने आ रही अगर इसकी अनुमानित टैक्स क्लेक्शन 13.5 लाख करोड़ रूपए से तुलना की जाए तो सरकार लक्ष्य से करीब 45 प्रतिशत पीछे हैं।

अधिकारियों का कहना है कि सभी प्रयास करने के बावजूद टैक्स क्लेकशन लक्ष्य से पीछे है। टैक्स क्लेक्शन 2018-2019 में क्लेक्ट किए गए 11.5 लाख करोड़ रूपए से नीचे रह सकता है। एक अधिकारी ने कहा ‘टैक्स क्लेक्शन के टारगेट को भूल जाइए। यह पहली बार होगा जब हम टैक्स क्लेक्शन में गिरावट देखेंगे। मेरा अनुमान है कि इस साल का कलेक्शन पिछले साल की तुलना में 10 फीसदी कम रहेगा।