लखनऊ: गणतंत्र दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश पुलिस से ब्रिटिश कालीन ‘‘थ्री नाट थ्री (.303)’’ राइफलें सेवा से बाहर हो जाएंगी। अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने शुक्रवार को बताया कि इनमें से कुछ राइफलों का इस्तेमाल प्रशिक्षण के लिए होगा। पुलिस को अत्याधुनिक हथियारों से लैस करने की कवायद में उत्तर प्रदेश सरकार 63 हजार इन्सास और 23 हजार एसएलआर राइफलें खरीदने की प्रक्रिया में है।

अवस्थी ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस अंतत: अत्याधुनिक हथियारों से लैस होगी क्योंकि थ्री नाट थ्री राइफलों की जगह धीरे धीरे इन्सास और एसएलआर को लाया जा रहा है । उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बनाये रखने के साथ साथ महिला सुरक्षा और आम आदमी में सुरक्षा का भाव पैदा करने के इरादे से राज्य पुलिस बल का आधुनिकीकरण किया जा रहा है।

रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी एस आर दारापुरी ने बताया कि उनके समय में अधिकतर. 303 राइफलें इस्तेमाल होती थीं। भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने 31 मार्च 2016 को समाप्त वर्ष के लिए अपनी रिपोर्ट में कहा है कि . 303 बोर राइफल 20 साल से पहले ही फरवरी 1995 में अप्रचलित घोषित कर दी गयी थीं लेकिन राज्य का लगभग 48 प्रतिशत पुलिस बल अभी भी इनका इस्तेमाल कर रहा है।

कैग रिपोर्ट में कहा गया कि फरवरी 2017 में उत्तर प्रदेश सरकार ने इस तथ्य को स्वीकारा और कहा कि . 303 राइफलों की जगह इन्सास राइफलें लायी जा रही हैं और यह प्रक्रिया पांच साल में पूरी हो जाएगी।