नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि भारतीय मूल्यों में सभी धर्मों को बराबर माना जाता है और यही वजह है कि हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है और भारत पाकिस्तान की तरह धर्मशासित देश कभी नहीं बना है। दिल्ली में नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) के गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित शिविर में आए दौरे पर रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘ हम (भारत) कहते हैं कि हम धर्मों के बीच भेदभाव नहीं करेंगे। तो हम ऐसा क्यों करेंगे? हमारा पड़ोसी देश तो यह ऐलान कर चुका है कि उनका एक धर्म है। उन्होंने खुद को धर्मशासित देश घोषित किया है। हमने ऐसी घोषणा नहीं की है।’’

रक्षा मंत्री की तरफ से यह बयान ऐसे समय में आया है जब पूरे देश में सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (सीएए), नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर विरोध किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि इससे भारत की धर्मनिरपेक्षता खत्म हो जाएगी।

आगे उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि अमेरिका भी धर्मशासित देश है। भारत एक धर्मशासित देश नहीं है। ऐसा क्यों? क्योंकि हमारे साधु-संतों ने न केवल हमारी सीमाओं के भीतर रहने वाले लोगों को अपने परिवार का हिस्सा माना बल्कि पूरी दुनिया में रहने वाले लोगों को उन्होंने एक परिवार बताया।’’

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत ने कभी भी यह घोषणा नहीं की है कि उसका धर्म हिंदू, सिख या बौद्ध होगा। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों के लोग यहां रह सकते हैं और रह रहे हैं। हमारे साधु-संतों ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का मंत्र दिया जिसका मतलब है कि पूरा विश्व एक परिवार है। पूरी दुनिया में यह संदेश यहीं से ही गया।’’