नई दिल्ली: भाजपा को अमित शाह की जगह पर सोमवार को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल गया है। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा इस पद पर निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। अमित शाह और राजनाथ सिंह ने जेपी नड्डा के नाम का प्रस्ताव दिया था।

पार्टी के संगठन चुनाव प्रभारी राधामोहन सिंह ने उनके निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा करते हुए कहा, 'भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की सारी संवैधानिक प्रक्रियाएं को पूरी कर ली गई हैं। जगत प्रकाश नड्डा 2019 से 2022 के लिए सर्वानुमति से अध्यक्ष चुन लिए गए हैं।' नड्डा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने पर निवर्तमान अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत पार्टी के तमाम नेताओं ने नड्डा को बधाई दी।

आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए जेपी नड्डा ने नामांकन भरा था। भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह ने जेपी नड्डा को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव संगठन चुनाव प्रभारी राधामोहन सिंह को सौंपा था। नड्डा का निर्विरोध पार्टी अध्यक्ष चुना जाना तय माना जा रहा था। अमित शाह के गृह मंत्री बनने के बाद से ही बीजेपी के वर्किंग प्रेजिडेंट के तौर पर काम संभाल रहे जेपी नड्डा अब पूर्ण अध्यक्ष हो चुके हैं।

नए अध्यक्ष के चुनाव के साथ ही पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष अमित शाह का साढ़े पांच वर्ष से ज्यादा का कार्यकाल भी समाप्त हो गया है। शाह का कार्यकाल भाजपा के लिये चुनावों के लिहाज से सर्वश्रेष्ठ काल था, हालांकि पार्टी को कुछ राज्य विधानसभा चुनावों में झटके भी लगे। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में शाह के गृहमंत्री बनने के बाद भाजपा ने उनका उत्तराधिकारी चुनने की कवायद शुरू कर दी थी क्योंकि पार्टी में 'एक व्यक्ति, एक पद' की परंपरा रही है।

नड्डा को गत वर्ष जुलाई में कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। यह इस बात का संकेत था कि हिमाचल प्रदेश से भाजपा के नेता संगठन के शीर्ष पद के लिए संभावित पसंद हैं। नड्डा 2019 के लोकसभा चुनाव में राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा के चुनाव अभियान के प्रभारी थे, जहां पार्टी को सपा और बसपा के महागठबंधन से कड़ी चुनौती थी। गौरतलब है कि नड्डा ने राजनीति में शुरुआत छात्र राजनीति से की थी। संगठन में उनका दशकों पुराना अनुभव, आरएसएस से उनकी नजदीकी और स्वच्छ छवि उनकी ताकत है। भाजपा ने उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा सीटों में से 62 पर जीत दर्ज की। आम चुनावों में भाजपा के लिए अहम राज्य संभालने के अलावा नड्डा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री भी थे। वह संसदीय बोर्ड के एक सदस्य रहे हैं जो कि पार्टी का फैसला लेने वाला शीर्ष निकाय है।