नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर केंद्र सरकार और गैर-भाजपा शासित राज्य आमने-सामने हैं। केरल और पंजाब सरकार तो सीएए को असंवैधानिक बताते हुए विधानसभा में इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित कर चुकी हैं। अब कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने रविवार को कहा है कि कांग्रेस शासित अन्य राज्यों में भी ऐसा ही प्रस्ताव लाने पर विचार किया जा रहा है।

अहमद पटेल ने कहा, 'हम पंजाब के बाद राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव लाने पर विचार कर रहे हैं। यह केंद्र सरकार को स्पष्ट संदेश होगा कि वह इस कानून पर पुनर्विचार करे।' माना जा रहा है कि राजस्थान विधानसभा में सत्र के पहले ही दिन 24 जनवरी को सीएए के खिलाफ प्रस्ताव लाया जा सकता है।

बता दें कि कांग्रेस शासित पंजाब विधानसभा ने सीएए के विरोध में प्रस्‍ताव पास कर दिया है। पंजाब सरकार के प्रस्‍ताव में कहा गया है कि सीएए का प्रारूप देश के संविधान और इसकी मूल भावना के खिलाफ है। यह देश के कुछ धर्म विशेष के लोगों की पहचान को खत्म करने की कोशिश करता है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी कई बार कह चुके हैं कि प्रदेश सरकार राज्य में सीएए और एनआरसी को लागू नहीं करेगी।

रविवार को कपिल सिब्बल ने कहा कि सीएए असंवैधानिक है। हर राज्यों की विधानसभा के पास इसके खिलाफ प्रस्ताव पास करने और इसे वापस लेने की मांग करने का संवैधानिक अधिकार है। लेकिन जब किसी कानून को सुप्रीम कोर्ट संवैधानिक घोषित कर देता है तो राज्यों के लिए इसका विरोध करना मुश्किल होगा। लड़ाई जारी रहनी चाहिए। एक दिन पहले उन्होंने कहा था कि संसद द्वारा पारित कानून को कोई राज्य लागू करने से मना नहीं कर सकता।