लखनऊ: उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार युवा महोत्सव के नाम पर लाखों करोड़ों खर्च कर रही है लेकिन प्रदेश के करोड़ों युवा बेरोजगार हैं और बेकारी की वजह से लगातार आत्महत्या कर रहे हैं। एन0सी0आर0बी0 द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 2018 में किसानों की आत्महत्या से ज्यादा बेरोजगारों ने आत्महत्या की है, जिसमें सर्वाधिक संख्या उत्तर प्रदेश से है। हर 2 घंटे में 3 बेरोजगार खुदकुाशी कर रहे हैं। युवाओं द्वारा खुदकुशी के मामले में भाजपा शासित राज्य शीर्ष स्तर पर हैं। जहाॅं पूरे देश में बेरोजगारी की दर 9.9 प्रतिशत है वहीं उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 15.8 प्रतिशत है, जबकि युवाओं के बीच 23.1 प्रतिशत बेरोजगारी की दर है, युवाओं को रोजगार न देकर जुमलेबाजी पर उलझाया जा रहा है। महोत्सवों, मेलों और शो के आयोजनों में मस्त योगी सरकार प्रदेश के करोड़ों बेरोजगार युवाओं व छात्रों की सुध तक नहीं ले रही है। प्रतियोगी परीक्षाओं का शेडियूल बिगड़ चुका है। आये दिन नौकरियों के लिए हो रही परीक्षाएं निरस्त हो रही हैं। शिक्षामित्र हाल के अदालती आदेशों के बाद निराशा के गहरे अंधेरे में चले गये हैं और शिक्षामित्रों की लगातार आत्महत्या की खबरें आ रही हैं। वहीं संविदा कर्मचारियों के सामने वेतन से लेकर छटनी तक का संकट है।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने प्रदेश में आयोजित युवा महोत्व को प्रदेश के संसाधनों का बन्दरबांट बताते हुए मुख्यमंत्री से सवाल किया है कि इंवेस्टमेन्ट समिट में होने वाले सरकारी खर्च और समिट के बाद प्रदेश में आये निवेश और उससे सृजित होने वाले रोजगार के आंकड़े अभी तक क्यों सार्वजनिक नहीं किये गये हैं। मुख्यमंत्री जी ने खुद ही कहा था कि यहाॅं के युवाओं में योग्यता की कमी है। साथ ही केन्द्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने भी बेशर्मी भरा बयान दिया था कि उत्तर भारतियों में योग्यता नहीं होती है। एक तरफ भाजपा का शीर्ष नेतृत्व प्रदेश के युवाओं के बारे में ऐसे शर्मनाक बयान देते हैं वहीं दूसरी तरफ बिना रोजगार सृजन किये युवा महोत्सव मनाना स्वामी विवेकानन्द और प्रदेश के युवाओं के साथ मजाक करना है। प्रदेश में कोई भी प्रतियोगिता परीक्षा बिना धांधली और कोर्ट में विवादित हुए सम्पन्न नहीं हो रही है। प्रदेश का युवा मजबूरी में दूसरे राज्यों में जाकर काम धंधा ढूंढ रहा है, यह योगी सरकार की असफलता है।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है, रोजगार का अकाल है, प्रदेश का बेरोजगार लगातार आन्दोलन कर रहा है। शिक्षामित्र, अनुदेशक, आंगनबाड़ी, रसोइये, उर्दू शिक्षक, पैरामेडिकल स्टाफ की मांग पूरी करने के बजाय उन्हें सरकार से लाठियां मिल रही हैं।