नई दिल्ली: दिल्ली में सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने कहा कि संविधान के प्रति निष्ठा हर वक्त हमारा मार्गदर्शन करेगा। साथ ही सीडीएस के गठन और सैन्य मामलों के विभाग बनाने को लेकर कहा कि सेनों के एकीकरण की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है और हम अपनी ओर से यह सुनिश्चित करेंगे कि यह सफल रहे।

उन्होंने कहा 'हम आने वाले दिनों में क्वालिटी पर ध्यान देंगी ना की क्वांटिटी पर। फिर चाहे वो सेना के लिए उपकरण खरीदना हो या फिर सेना में जवानों की भर्ती करना।' सेना प्रमुख ने कहा 'हमारे जवान हमारी सबसे बड़ी ताकत है और भविष्य में उनके प्रशिक्षण पर हमारा जोर रहेगा। चीन द्वारा सीमावर्ती क्षेत्र में किये जा रहे सैन्य बुनियादी ढांचे के विस्तार को लेकर सेना प्रमुख नरवणे ने कहा कि हम उत्तरी सीमा पर उभरी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं।'

उन्होंने राजनीतिक नेतृत्व द्वारा PoK को भारत में शामिल करने की टिप्पणी पर कहा कि एक संसदीय संकल्प है कि संपूर्ण जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है। यदि संसद यह चाहती है, तो उस क्षेत्र (PoK) को भी भारत में होना चाहिए। जब हमें इस बारे में कोई आदेश मिलेंगे, तो हम उचित कार्रवाई करेंगे। पद संभालने के बाद उन्होंने दूसरी बार ऐसा बयान दिया है

जनरल नरवणे ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रशिक्षण का फोकस भविष्य के युद्धों के लिए सेना को तैयार करने पर होगा, जो नेटवर्क केंद्रित और जटिल होगा। चीन द्वारा सीमावर्ती क्षेत्र में किये जा रहे सैन्य बुनियादी ढांचे के विस्तार को लेकर सेना प्रमुख नरवणे ने कहा, ‘‘हम उत्तरी सीमा पर उभरी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने उत्तरी सीमा पर तैयारियों का पुनर्संतुलन प्रारंभ किया है, जिसमें उन्नत हथियार प्रणाली की तैनाती शामिल है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सीडीएस का गठन और सैन्य मामलों के विभाग का गठन एकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। हम अपनी तरफ से इसकी सफलता सुनिश्चित करेंगे।’’

सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘एकीकरण सेना के भीतर भी होगा और एकीकृत युद्ध समूह इसका एक उदाहरण है। मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एकीकरण की इस प्रक्रिया में हम सभी को साथ लेकर चलेंगे। कोई भी पीछे नहीं रहेगा।’’ सेना प्रमुख के इस बयान से कुछ दिन पहले ही जनरल विपिन रावत ने भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष का पदभार संभाला है।