वाराणसी में कांग्रेस महासचिव ने की CAA विरोधी प्रदर्शनकारियों से मुलाक़ात

वाराणसी: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों से मुलाकात करने आज वाराणसी पहुंचीं जहाँ उन्होंने योगी सरकार पर कई आरोप लगाए। प्रदर्शनकारियों को दंगाई कहने पर उन्होंने कहा कि यह दंगाई नहीं यूनिवर्सिटी के बच्चे हैं। आप इनसे मिलिये और इनकी बातें सुनिये सब पता चल जाएगा। प्रदर्शन करने और अपनी आवाज उठाने का संविधान ने हमें अधिकार दिया है। यह उसी अधिकार का यह इस्तेमाल कर रहे हैं। प्रियंका गाँधी ने रविदास मंदिर और विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने भी गयीं।

प्रियंका ने कहा कि बनारस गंगा-जमुनी तहज़ीब की धरती है, यह बात संघ परिवार की आंखों में चुभती है। भाजपा सरकार लगातार CAA-NRC के मामले को हिन्दू-मुसलमान करना चाहती है लेकिन संघ परिवार को बनारस की जमीन ने कड़ा संदेश दिया है कि संविधान विरोधी इस कानून को जनता स्वीकार नहीं करेगी।

प्रियंका गांधी ने पंचगंगाघाट पर श्रीमठ में आंदोलनकारियों से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ अन्याय किया है। अभी बातचीत में इन् लोगों ने बताया कि इनके साथ किस तरह का बर्ताव हुआ है। इन लोगों ने प्रदर्शन के दौरान कोई ऐसी बात नहीं की लेकिन अलग अलग गंभीर धाराएं लगाकर गिरफ्तार कर लिया और उठा कर जेल में डाल दिया।

प्रियंका ने कहा कि बनारस गंगा-जमुनी तहज़ीब की धरती है, यह बात संघ परिवार की आंखों में चुभती है। भाजपा सरकार लगातार CAA-NRC के मामले को हिन्दू-मुसलमान करना चाहती है लेकिन संघ परिवार को बनारस की जमीन ने कड़ा संदेश दिया है कि संविधान विरोधी इस कानून को जनता स्वीकार नहीं करेगी। आंदोलनकारियों ने कहा कि सरकार जेल और लाठी के दम पर इस संविधान बचाने के मुहिम को रोकना चाहती है लेकिन जेल और लाठी से देश की जनता नहीं डरती है।

प्रियंका ने कहा कि प्रियंका ने कहा कि सरकार संविधान के खिलाफ काम कर रही है। संविधान और देश को तोड़ने का काम कर रही है। यह बच्चे उसके खिलाफ खड़े हुए हैं। इसके लिए हम इनके आभारी हैं। मुझे इन लोगों पर बहुत गर्व है। इन लोगों ने इतना संघर्ष किया और संघर्ष करते रहेंगे। ये लोग देश की आवाज उठा रहे हैं। यहां के डीएम और पुलिस अधिकारियों ने किस तरह का बर्ताव किया सब मुझे बताया गया। इन लोगों को टारगेट किया गया है। शांतिपूर्ण मार्च के दौरान लगाए गए नारे भी सुनाए हैं। उन नारों में भी कोई ऐसी बात नहीं थी। एकता से भी मुलाकात हुई, जिनकी छोटी सी बच्ची बाहर उनका इंतजार कर रही थी।