लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़े पैमाने पर आईपीएस अधिकारियों के तबादले करने के साथ ही तेज-तर्रार आईपीएस ऑफिसर और नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण को सस्पेंड कर दिया है। एसएसपी वैभव कृष्ण को गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक कर सर्विस रूल का उल्लंघन करने के मामले में सस्पेंड किया गया है।

सरकार ने पुलिस विभाग में 14 आईपीएस अधिकारियों के तबादले किए हैं। गाजियाबाद के वर्तमान एसएसपी सुधीर कुमार सिंह को आगरा स्थित पीएसी की 15वीं बटालियन में भेजा गया है। वहीं उनके स्थान पर लखनऊ के एसएसपी रहे कलानिधि नैथानी को गाजियाबाद का एसएसपी बनाया गया है।

साथ ही शासन ने पांच आईपीएस अधिकारियों पर गोपनीय रिपोर्ट में लगे आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यों की एक उच्च स्तरीय कमेटी भी गठित की है। कमेटी के अध्यक्ष सर्तकता विभाग के निदेशक एचसी अवस्थी होंगे, जबकि आईजी एसटीएफ अमिताभ यश और प्रबंध निदेशक जल निगम विकास गोठलवाल सदस्य होंगे। गौतमबुद्वनगर और लखनऊ में नए एसएसपी की तैनाती अभी फिलहाल नहीं की गई है।

गौरतलब है कि गलत तरीके से ठेके लेने के मामले में नोएडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) द्वारा शासन को भेजे गए गोपनीय दस्तावेज मीडिया में लीक होने की घटना को उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओम प्रकाश सिंह ने बेहद गंभीरता से लिया था। उन्होंने इस पर नाराजगी जताते हुए नोएडा एसएसपी वैभव कृष्ण से पूछा था कि उन्होंने वह गुप्त जानकारी क्यों वायरल की।

डीजीपी ने बीते शुक्रवार को लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मामले पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि गलत तरीके से ठेके लिए जाने के मामले में एसएसपी नोएडा वैभव कृष्ण ने जो गोपनीय दस्तावेज भेजे थे, वे मीडिया में वायरल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि हम लोगों का मानना है कि एसएसपी नोएडा ने एक अनाधिकृत संवाद किया। यह सेवा नियमों के खिलाफ है, इसीलिए हमने आईजी (पुलिस महानिरीक्षक) मेरठ से कहा है कि उनसे यह पूछा जाए कि उन्होंने गोपनीय दस्तावेज को क्यों वायरल किया या उसे किसी को दिया।