तेहरान: कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद बढ़े तनाव के बीच ईरान ने इराक स्थित अमेरिका के दो एयरबेस पर मिसाइलों से हमला किया है। वहीं, इसरानी मीडिया का दावा है कि इस हमले में अमेरिका के 80 सैनिकों की मौत हो गई है। हालांकि अभी तक इस बातर की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। पेंटागन के मुताबिक ईरान ने इराक में मौजूद अल-असद और इरबिल एयरबेस पर एक दर्जन से ज्यादा मिसाइलें दागी हैं। इन दोनों एयरबेस पर अमेरिका के साथ गठबंधन सेनाएं तैनात हैं। इस हमले में अमेरिका और गठबंधन सेनाओं को अभी तक किसी भी नुकसान की खबर नहीं है। अमेरिकी रक्षा अधिकारी की मानें तो सुबह के लगभग साढ़े पांच बजे इराक में अमेरिकी सेना के ठिकानों पर 1 दर्जन मिसाइलों से हमला किया गया है। अमेरिका सेना बेस पर बुधवार तड़के मिसाइल हमले के बाद पेंटागन ने बयान जारी कर कहा कि वह हमले में हुए नुकसान का आकलन कर रहा है।

पेंटागन के प्रवक्ता जोनाथन हॉफमैन ने ईरान के मिसाइल हमले की पुष्टि करते हुए कहा, 'हम युद्ध में हुए प्रारंभिक नुकसान का आकलन कर रहे हैं।' हॉफमैन ने बताया कि सात जनवरी को शाम साढ़े पांच बजे 'ईरान ने इराक में अमेरिकी सेना और उसके सहयोगी बलों पर एक दर्जन से अधिक बैलिस्टिक मिसाइल दागी।' उन्होंने कहा, 'यह स्पष्ट है कि ये मिसाइलें ईरान ने दागी और इराक में अल-असद और एरबिल स्थित कम से कम दो इराकी सैन्य अड्डों को निशाना बनाया जहां अमेरिकी सेना और उसके सहयोगी बल ठहरे हुए हैं।'

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव स्टेफनी ग्रिशम ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रम्प को मौजूदा स्थिति की जानकारी दे दी गई है। ग्रिशम ने कहा, 'हम इराक में अमेरिकी केन्द्रों पर हमले की खबरों से वाकिफ हैं। राष्ट्रपति को इसकी जानकारी दे दी गई है और वह स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए हैं तथा राष्ट्रीय सुरक्षा दल से परामर्श कर रहे हैं। ' इससे पहले भी ईरान ने अमेरिकी दूतावास पर हमला किया था जिसके बाद बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में कासिम सुलेमानी की हत्या की गई थी। बता दें कि ईरान के सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। ईरान ने सुलेमानी की मौत का बदला लेने की धमकी दी थी तो अमेरिका ने भी पीछे न हटने की बात कही थी।

ईरान ने इराक स्थित अमेरिका के दो एयरबेस पर मिसाइलों से हमला किया है। इसी बीच ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है। जरीफ ने कहा 'यूएन चार्टर के आर्टिकल 51 के तहत ईरान ने आत्मरक्षा के लिए एक ठोस कदम उठाया है। अमेरिकी एयरबेस पर हमने हमला किया जिन्होंने कायराना तरीके से हमारे सैनिकों और नागरिकों को निशाना बनाया। हम युद्ध नहीं चाहते हैं, लेकिन किसी तरह की आक्रामकता से अपनी सुरक्षा करेंगे।' बता दें कि मंगलवार को ईरान के विदेश मंत्री को यूएन सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए वीजा देने से इनकार कर दिया था।