लखनऊ: गन्ना किसानों की मुश्किलें कम होने के बजाए बढ़ती ही जा रही है। उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर किसानों का बकाया बढ़कर 6,031.69 करोड़ रुपये हो गया है। बकाया में चालू पेराई सीजन 2019-20 का ही 3,874.71 करोड़ रुपये हो चुका है। गन्ने के बकाया भुगतान में देरी होने से गन्ना किसानों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

उत्तर प्रदेश गन्ना आयुक्त कार्यालय के अनुसार चालू पेराई सीजन 2019-20 के पहले तीन महीनों पहली अक्टूबर 2019 से 31 दिसंबर 2109 तक राज्य की चीनी मिलों पर किसानों का बकाया बढ़कर 3,874.71 करोड़ रुपये हो गया है जबकि राज्य की चीनी मिलों ने पेराई सीजन 2018-19 का 2,094.15 करोड़ रुपये का भुगतान भी अभी तक नहीं किया है। इसके साथ ही पेराई सीजन 2017-18 का 40.54 करोड़ रुपये तथा पेराई सीजन 2016-17 का भी 22.29 करोड़ रुपये भी किसानों का राज्य की चीनी मिलों पर अभी तक बकाया है। चीनी मिलों को गन्ना खरीदने के 14 दिनों के अंदर भुगतान करना होता हैं

उत्तर प्रदेश के अमरोह जिले के देहराचक गांव के गन्ना किसान जोगिंद्र आर्य ने आउटलुक को बताया कि वेव शुगर मिल ने अभी तक 30 नवंबर तक का ही भुगतान किया है। उन्होंने बताया कि मैंने मिल में 700 क्विंटल गन्ना डाला है, जिसमें से भुगतान अभी तक केवल 150 क्विंटल का ही मिला है। बकाया भुगतान में देरी होने के कारण बच्चों की स्कूल फीस आदि भी समय पर जमा नहीं हो पा रही है।

मुज़फ्फरनगर जिले के गांव खरड़ के गन्ना किसान मनोज मलिक ने बताया कि पिछले साल का भी पूरा भुगतान अभी तक मिला है, जबकि नया पेराई सीजन आरंभ हुए तीन महीने बीत चुके हैं। उन्होंने बताया कि चालू पेराई सीजन में पर्चियां समय से नहीं मिल रही हैं जिस कारण समय पर खेत खली नहीं हो सका। उन्होंने बताया कि खरीद केंद्रों पर धीमी गति से तौल होने के कारण दो से तीन दिन तक गन्ना लदी ट्रालियां खड़ी रहती हैं जिस कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि सोसायटी सचिव व मिल कर्मचारियों की मिलीभगत से किसानों का शोषण किया जा रहा है।