नई दिल्ली: जेएनयू में हुई हिंसा के बाद जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष पर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। चार जनवरी को जेएनयू के सर्वर रूम में तोड़फोड़ और सुरक्षा गार्डों पर हमला करने के आरोप में घोष और 19 अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। गौरतलब है कि 5 जनवरी को जेएनयू परिसर में हुई हिंसा में आइशी घोष घायल हो गई थीं, उनके सिर से काफी खून बह रहा था।

छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष और अन्य छात्रों पर जेएनयू प्रशासन की शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। इन सभी छात्रों पर 4 फरवरी को सर्वर रूम में तोड़फोड़ करने और मौजूद सुरक्षा गार्ड से मारपीट करने का आरोप है। जेएनयू प्रशासन मे पांच जनवरी को शिकायत की थी, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई। एफआईआर के आरोपी कॉलम में अन्य छात्रों का नाम शामिल नहीं किया गया है, लेकिन डिटेल में उनका नाम दर्ज किया गया है।

बता दें कि पांच जनवरी की शाम जेएनयू में जमकर बवाल हुआ। कई छात्रों को पीटा गया और तोड़फोड़ भी की गई। छात्र संघ अध्यक्ष घोष पर भी हमला किया गया और उन्हें सिर पर काफी चोट लगी। लेकिन अभी तक हमलावर पकड़ में नहीं आए हैं। हिंसा को लेकर लेफ्ट विंग के छात्रों ने एबीवीपी पर मारपीट का आरोप लगाया है तो एबीवीपी ने लेफ्ट पर आरोप मढ़ा है।

दिल्ली(दक्षिण-पश्चिम) के डिप्टी कमिश्नर उपायुक्त देवेंद्र आर्य ने कहा कि सोमवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर के अंदर और बाहर कोई हिंसा नहीं हुई। हालात सुधरने तक पुलिस बलों की तैनाती जारी रहेगी।

आर्य ने बताया, "जेएनयू कैंपस के अंदर और बाहर की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। पुलिस की तैनाती तब तक जारी रहेगी जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती। कैंपस के अंदर और बाहर दोनों जगहों से किसी भी तरह की हिंसा की सूचना नहीं है।"

रविवार शाम को अज्ञात नकाबपोशों के हमले में जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आइशी घोष सहित विश्वविद्यालय के 30 से अधिक छात्र घायल हो गए। उन पर और शिक्षकों पर लाठी और डंडों से हमला किया गया था। जिसके बाद उन्हें एम्स ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया।