उद्यमिता शिक्षा, अनुसंधान, प्रशिक्षण एवं संस्थागत निर्माण के लिए प्रख्यात राष्ट्रीय संसाधन संस्थान एंटरेप्रेन्यूरशिप डेवलपमेन्ट आॅफ इण्डिय गोरखपुर ज़िले में ‘पाॅटरी क्लस्टर’ कारीगरों को भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय के तहत डेवलपमेन्ट प्रोग्राम के लिए प्रशिक्षित कर रहा है। पाॅटरी क्लस्टर को भारत सरकार के विकास आयुक्त -एमएसएमई और उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया है। ईडीआईआई इन कारीगरों के लिए गोरखपुर ज़िले में पाॅटरी क्लस्टर में क्लस्टर डेवलपमेन्ट प्रोग्रम का संचालन कर रहा है, जिससे इन कारीगरों के उद्यमिता कौशल एवं क्षमता में सुधार होगा, इस प्रोग्राम के माध्यम से उन्हें अपने उद्यमी वंेचर्स स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। संस्थान अनुसूचित जाति श्रेणी से 36 लोगों, 32 महिलाओं और 200 सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को संरक्षण प्रदान करेगा। क्लस्टर डेवलपमेन्ट के तहत तकनीक में सुधार, उत्पादों की गुणवत्ता, मार्केटिंग विशेषज्ञता तथा गुणवत्ता डिज़ाइनिंग पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। इस परियोजना के तहत एक काॅमन फेसिलिटी सेंटर की स्थापना भी की जाएगी, जहां इस समुदाय के लिए उच्च मूल्य की मशीनरी उपलब्ध होगी, जिसके द्वारा वे अपने उत्पादों का निर्माण कर सकते हैं। इससे उनके सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। श्री प्रभु श्रीवास्तव, एसोसिएट फैकल्टी, ईडीआईआई -लखनऊ ने कहा, ‘‘उत्तरप्रदेश में पारम्परिक कारीगरी की समृद्ध विरासत है, गोरखपुर के पाॅटरी क्लस्टर ने खिलौनों की एक अलग शैली स्थापित की है, जो प्राकृतिक एवं देखने में आकर्षक है और साथ ही प्रदूषण रहित भी है। इन कारीगरों को प्रशिक्षण देने का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उन्हें अपने खुद के उद्यम स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित कर कारोबार संभावनाओं के सुधार में सक्षम बनाया जा सके। पाॅटरी क्लस्टर में गुणवत्ता, उत्पादकता, निर्यात और ब्राण्ड निर्माण से जुड़ी समस्याएं हैं, हम इन मुद्दों पर विशेष रूप से ध्यान दे रहे हैं। उद्यमिता कौशल के माध्यम से वे अपने उत्पादों को अधिक से अधिक बाज़ारों तक पहुंचा सकेंगे और बिचैलियों के हटने से उनकी कमाई भी बढ़ेगी। इस प्रशिक्षण में वित्तीय साक्षरता और कारोबार रणनीतियों पर मोड्यूल भी शामिल हैं।’’ उद्यमिता कौशल के ज़रिए पाॅटरी कारीगरों के सशक्तीकरण के अलावा ईडीआईआई उन्हें स्थापना प्रक्रिया, मार्केटिंग रणनीतियों जैसे आॅनलाईन माध्यमों से ब्राण्डिंग, संचार एवं वार्ता कौशल तकनीक एवं कीमत रणनीतियों पर भी प्रशिक्षित किया जाएगा। संस्थान उन्हें उपरोक्त गतिविधियों के लिए वित्तीय सहयोग पाने में भी मदद करेगा।