नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। दिल्ली में एक चरण में 8 फरवरी को मतदान होंगे। 11 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने सोमवार को ऐलान किया कि दिल्ली में 1 करोड़ 46 लाख लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

इस दौरान 13750 पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। 2689 जगहों पर वोटिंग होगी। 90 हजार कर्मचारी चुनाव में तैनात किए जाएंगे। बुजुर्ग भी पोस्टल बैलेट से वोट दे पाएंगे। उन्हें पांच दिन पहले ही पर्चा भरना पड़ेगा। चुनाव आयोग की तरफ से चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही दिल्ली में अचार संहिता लागू हो गई है। अब सरकार किसी भी योजना का ऐलान नहीं कर पाएगी। दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 22 फरवरी को खत्म हो रहा है।

साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। आम आदमी पार्टी ने 67 सीटों पर चुनाव जीत दर्ज की थी। तीन सीटें बीजेपी के खाते में गई थी। वहीं, कांग्रेस के हाथ खाली रहे थे। दिल्ली में विधआसभा की कुल 70 सीटें हैं।

साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 की 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। आप को कुल 54.34 फीसदी वोट मिले थे। बीजेपी ने 69 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और उसे चुनाव में 32.19 फीसदी वोट मिले थे। वहीं, कांग्रेस ने भी 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। कांग्रेस को 2015 के विधानसभा चुनाव में महज 9.65 फीसदी वोट मिले थे। 70 विधानसभा सीटों में से 58 सीटें सामान्य केटेगरी की हैं जबकि 12 सीटें आरक्षित हैं।

दिल्ली में कुल 70 विधानसभा सीटें हैं। सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने सत्ता को बचाए रखने की चुनौती है। केजरीवाल अपने पांच साल के कामकाज को लेकर चुनावी मैदान में उतरे हैं। बीजेपी दिल्ली में करीब 21 साल से सत्ता का वनवास झेल रही है, ऐसे में सत्ता में वापसी के लिए हरसंभव कोशिश में पार्टी जुटी है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर बीजेपी अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह तक दिल्ली में रैलियां कर चुके हैं। वहीं, कांग्रेस अपना सियासी वजूद बचाने और अपने खोए हुए जनाधार को वापस पाने की कवायद में जुटी है।

राजधानी दिल्ली में पहली बार 1993 में विधानसभा चुनाव हुए थे और तब बीजेपी जीतकर सत्ता पर काबिज हुई थी। लेकिन पांच साल के कार्यकाल में बीजेपी को अपने तीन मुख्यमंत्री बदलने पड़े थे। मदनलाल खुराना, साहेब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे। अब यह तीनों ही नेता दुनिया को अलविदा कह चुके हैं।