नई दिल्ली: सायरस मिस्त्री ने कहा है कि वह टाटा समूह में किसी भी पद पर वापस नहीं जाना चाहते हैं। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यनल (एनसीएलएटी) ने उन्हें टाटा संस के चेयरमैन और समूह की दूसरी कंपनियों के बोर्ड में निदेशक के तौर पर बहाल करने का आदेश दिया था।

टाटा समूह ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सुनवाई करने और ट्रिब्यूनल के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है। टाटा संस के चेयरमैन पद से 2016 में हटाए गए मिस्त्री ने आज बयान जारी करके कहा कि उन्होंने यह फैसला टाटा समूह के हित को ध्यान में रखकर लिया है। किसी व्यक्ति के बजाय समूह का हित सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।

मिस्त्री ने कहा कि फैलाई जा रही गलत सूचनाओं को स्पष्ट करने के लिए वह कहना चाहते हैं कि एनसीएलएटी का आदेश उनके पक्ष में आने के बावजूद वह टाटा संस में एक्जीक्यूटिव चेयरमैन अथवा टीसीएस, टाटा टेलीसर्विसेज, टाटा इंडस्ट्रीज में निदेशक बनने के लिए प्रयास नहीं करेंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि माइनरिटी शेयरधारक के रूप में अपने हितों की रक्षा और टाटा संस के बोर्ड में निदेशक पद हासिल करने के लिए सभी उपलब्ध विकल्पों पर काम करते रहेंगे।