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नए साल के पहले दिन देश की आबादी में 67,000 का इज़ाफ़ा

नई दिल्ली: भारत ने साल 2020 की पहली ही तारीख को विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया है। दरअसल, भारत में साल की पहली तारीख को पैदा होने वाले बच्चों की संख्या 67,385 लगभग है। यह संख्या दुनिया के किसी दूसरे देश में पैदा होने वाले बच्चों की संख्या से ज्यादा है।

इसके बाद चीन (46,299), नाइजीरिया (26,039), पाकिस्तान (16,787), इंडोनेशिया (13,020) और संयुक्त राज्य अमेरिका (10,452) जैसे देश इस कतार में शामिल हैं।

बुधवार को इन अनुमानों को जारी करने वाले यूनिसेफ के अनुसार, दुनिया भर में पैदा होने वाले शिशुओं की संख्या 3,92,078 जिस आंकड़े का बड़ा हिस्सा करीब 17 प्रतिशत शिशु सिर्फ भारत में पैदा हुए हैं।

बता दें कि हर साल पहले जनवरी को, यूनिसेफ जो संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी है, दुनिया भर में पैदा होने वाले बच्चों की संख्या पर डेटा कलेक्ट करती है। यह संस्था आम तौर पर हर रोज यह काम करती है। इस संस्था का काम मानवीय और विकासात्मक सहायता प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है।
2018 में, यूनिसेफ ने एक बयान में कहा, इस शुभ दिन को पैदा होने वाले ज्यादातर बच्चे जीवन के पहले महीने में ही मर जाते हैं। 2018 का बात करें तो 2.5 मिलियन नवजात शिशुओं की मृत्यु पहले माह में हो गई थी। इस आंकड़े का एक तिहाई बच्चों की मृत्यु जीवन के पहले ही दिन हो गई थी।

द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, उन बच्चों में, सबसे अधिक समय से पहले जन्म, प्रसव के दौरान जटिलताओं, और सेप्सिस जैसे संक्रमणों से बचाव योग्य कारणों से मृत्यु हो गई। इसके अलावा, यूनिसेफ का कहना है कि हर साल 2.5 मिलियन से अधिक बच्चे मृत पैदा होते हैं।

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