नई दिल्ली: ढांचागत परियोजनाओं में निवेश को बढ़ावा देने के मोदी सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐसी चिह्नित परियोजनाओं का एक खाका मंगलवार को देश के सामने रखा जिन पर पांच साल में 102 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। वित्त मंत्री ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी कि ये परियोजनाएं बिजली, रेलवे, शहरी सिचांई, परिवहन, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं।
सीतारमण ने कहा कि इन परियोजनाओं का खाका तैयार करने के लिए गठित एक कार्यबल ने 102 लाख करोड़ रुपए की ढांचागत परियोजनाओं की पहचान की है। कार्यबल ने चार महीने के कम समय में 70 विभिन्न पक्षों से बातचीत और विचार विमर्श के बाद यह काम पूरा किया है। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं की श्रृंखला में तीन लाख करोड़ रुपए की और भी परियोजनाएं जोड़ी जा सकती है।
सीतारमण ने कहा कि ये परियोजनाएं पिछले छह साल के दौरान केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा अमल में लाई गई 51 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाओं के अतिरिक्त हैं। उन्होंने कहा कि नई परियोजनाओं में केन्द्र और राज्यों का हिस्सा 39-39 प्रतिशत होगा। शेष 22 प्रतिशत निवेश निजी क्षेत्र से आएगा।
वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि पिछले 6 सालों में मोदी सरकार का फोकस इन्फ्रास्ट्रक्चर पर रहा। इस दौरान केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर इनपर 51 लाख करोड़ रुपये खर्च किए, जो जीडीपी का 5-6 फीसदी है। उन्होंने कहा कि दुनियाभर के निवेशकों को देश में निवेश के लिए आकर्षित करने के वास्ते 2020 की दूसरी छमाही से सालाना वैश्विक निवेशक सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
अब सरकार देश की बुनियादी ढांचा के विकास के लिए कदम बढ़ा रही है। बता दें कि वित्त मंत्री साल 2020 में फरवरी महीने के शुरुआती हफ्ते में अपना दूसरा बजट पेश कर सकती हैं। इससे पहले Modi Government 2.0 के गठन के बाद उन्होंने पांच जुलाई को अपना पहला बजट पेश किया था।
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