नई दिल्ली: लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे देश के नए सेना प्रमुख बन गए हैं। मंगलवार को बिपिन रावत की मौजूदगी में उन्होंने पदभार ग्रहण किया। उन्होंने जनरल बिपिन रावत का की जगह ली। जनरल रावत को भारत का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया है। तीन साल के कार्यकाल के बाद वह मंगलवार को सेवानिवृत्त हुए।

लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे इससे पहले उप-सेनाप्रमुख की जिम्मेदारी निभा रहे थे। सितंबर में उप सेना प्रमुख के तौर पर कार्यभार संभालने से पहले नरवणे सेना की पूर्वी कमान का नेतृत्व कर रहे थे जो चीन से लगने वाली करीब 4000 किलोमीटर लंबी भारतीय सीमा पर नजर रखती है।

अपने 37 साल के कार्यकाल के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे विभिन्न कमानों में शांति, क्षेत्र और उग्रवाद रोधी बेहद सक्रिय माहौल में जम्मू कश्मीर व पूर्वोत्तर में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वह जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स की बटालियन और पूर्वी मोर्चे पर इंफेंट्री ब्रिगेड की कमान संभाल चुके हैं।

वह श्रीलंका में भारतीय शांति रक्षक बल का हिस्सा थे और तीन वर्षों तक म्यामां स्थित भारतीय दूतावास में रक्षा अताशे रहे। लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी के छात्र रहे हैं। वह जून 1980 में सिख लाइट इन्फैंटरी रेजिमेंट के सातवें बटालियन में कमीशन प्राप्त हुए। उन्हें ‘सेना मेडल’, ‘विशिष्ट सेवा मेडल’ और ‘अतिविशिष्ट सेवा मेडल’ प्राप्त है।

रक्षा मंत्रालय ने सोमवार देर शाम आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किए जाने की औपचारिक घोषणा की। रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि सीडीएस के तौर पर जनरल रावत का कार्यकाल 31 दिसंबर से शुरू होगा और अगले आदेश और उनके सेवा विस्तार तक रहेगा। गौरतलब है कि आर्मी चीफ जनरल रावत मंगलवार को सेवानिवृत्त हो रहे थे। सरकार द्वारा 65 साल तक रिटायरमेंट की उम्र सीमा किए जाने के बाद अब जनरल रावत अगले 3 साल तक पद पर बने रहेंगे।