लखनऊ: कांग्रेस महासचिव एवं यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल को ज्ञापन सौंपा। पार्टी ने बीते दिनों प्रदेश में हुई हिंसा के मामलों की न्यायिक जांच कराने की मांग की है।

खुद प्रियंका गांधी ने इस बारे में पत्रकारों को बताया कि राज्यपाल को दिया गया ज्ञापन दरअसल एक पूर्ण दस्तावेज है। उन बातों का, जिसका जिक्र मीडिया के लोग भी कर रहे हैं और हम भी देख रहे हैं कि प्रदेश सरकार, प्रशासन और पुलिस द्वारा कई जगह अराजकता हुई है। उन्होंने ऐसे कई कदम उठाए हैं जिनका कोई न्यायिक या कानूनी आधार नहीं है। मीडिया और आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक 5500 लोग हिरासत में हैं, 1100 लोग गिरफ्तार हुए हैं। जबकि इसकी संख्या कहीं ज्यादा है। गुमनाम तरीके से हिरासत में लेकर उनको मारा – पीटा जा रहा है। इस चिट्ठी में ऐसी तमाम मिसाल हैं जहां पुलिस और प्रशासन खुद गलत काम कर रहे हैं। पुलिस ने तोड़फोड़ की उसका वीडियो है।

राजभवन गए प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष के अलावा विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा‘मोना, सांसद पी.एल. पुनिया, पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी, आचार्य प्रमोद कृष्णम, पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, उपाध्यक्ष पंकज मलिक व वीरेन्द्र चौधरी, सचिव रमेश कुमार शुक्ल, अनीस अंसारी, शहर अध्यक्ष मुकेश सिंह चौहान शामिल थे।

कांग्रेस ने मांग की है कि प्रदेश सरकार के गृह विभाग और डीजीपी को तुरन्त आदेश जारी करके पुलिस और सरकार द्वारा की जा रही गैर कानूनी, हिंसात्मक और आपराधिक कार्यवाही को तुरन्त रोका जाए। मौजूदा हाईकोर्ट के जज या सेवानिवृत्त हाईकोर्ट के जज की निगरानी में कानूनी ढंग से शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लगाये गये आरोपों की सत्यता और तथ्य की निष्पक्ष जांच का आदेश दिया जाए। न्यायिक प्रक्रिया पूरी किये बिना सम्पत्तियों को सीज करने या सम्पत्तियों की कुर्की सम्बन्धी प्रक्रिया पर तुरन्त रोक लगाई जाए और शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थी, जो निर्दोष हैं, उन पर किसी तरीके की आपराधिक और गैर कानूनी कार्यवाही न की जाए।