लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग में 40 लाख रुपये तक के सड़क निर्माण कार्यों में आरक्षण की शुरूआत की जा रही है। इसमें 21 प्रतिशत अनुसूचित जाति, 2 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति, 27 प्रतिशत पिछड़ी और 10 प्रतिशत सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए आरक्षण देने की तैयारी है। इसके अलावा सिविल इंजीनियरिंग कर चुके बेरोजगार युवकों को ई-टेंडरिंग के माध्यम से 10 लाख रुपए तक का सड़क निर्माण का काम देने की तैयारी है।

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने आज मिर्जापुर में एक कार्यक्रम में कहा कि इससे लोगों को रोजगार मिलेगा और सड़क बनवाने का कुछ विशेष लोगों का विशेषाधिकार समाप्त होगा। सड़कों की गुणवत्ता खराब करने वाले ठेकेदार और अधिकारियों की खैर नहीं है। सड़क बनानी पड़ेगी अन्यथा जेल की हवा खानी पड़ेगी।

उन्होंने कहा कि यूपी बोर्ड के परीक्षा में टॉप-20 बच्चों के घरों तक और उनके स्कूल तक यदि पक्की सडक नहीं बनी है तो पक्की सडक लोक निर्माण विभाग बनाएगा। उस सडक का नाम एपीजी अब्दुल कलाम गौरव पथ रखा जाएगा और उस शिलापट्ट पर उस बच्चे का नाम लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि सड़क रहित गांवों का भी सर्वे कराकर सड़कों का निर्माण कराया जाएगा।

उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि किसी के द्वारा राष्ट्रीय सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया जाएगा, तो उसे उसकी भरपाई करना होगा। उत्तर प्रदेश और देश विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम के बारे में कहा कि यह कानून किसी की नागरिकता लेने के लिए नहीं बल्कि नागरिकता देने के लिए है। लोग किसी के बहकावे में न आएं।