पुलिस के तमाम अवरोधों के बावजूद CAA के विरोध में गिरफ्तार पूर्व आई जी के परिवार मिलीं

इंस्टेंटखबर ब्यूरो

लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुई हिंसा के बाद प्रशासन की प्रतिशोधात्मक कार्रवाई में गिरफ्तार पूर्व आई जी व सामाजिक कार्यकर्त्ता एसआर दारापुर के परिवार से मिलने जा रही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की गाड़ी को पुलिस ने रोका और आगे जाने से मना कर दिया। जिसके बाद प्रियंका गाँधी ने पैदल यात्रा शुरू कर दी और पुलिस के तमाम अवरोधों के बावजूद वह दारापुरी के परिवार से मिलीं, इसके लिए प्रियंका को तीन किलोमीटर पैदल चलना पड़ा| इस बीच प्रियंका गाधी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने गला दबाकर मुझे रोकने का प्रयास किया है। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि मुझे सड़क पर रोकने का कोई मतलब ही नहीं बनता. यह एसपीजी का नहीं बल्कि पूरी तरह से यूपी पुलिस का मामला है।

प्रियंका गांधी ने अपने ऑफिसियल फेसबुक पर लिखा 'यूपी पुलिस की ये क्या हरकत है। अब हम लोगों को कहीं भी आने जाने से रोका जा रहा है। मैं रिटायर्ड पुलिस अधिकारी और अंबेडकरवादी सामाजिक कार्यकर्ता एस आर दारापुरी के घर जा रही थी। यूपी पुलिस ने उन्हें एन आर सी और नागरिकता कानून का शांतिपूर्वक विरोध करने पर घर से उठा लिया है। मुझे बलपूर्वक रोका और महिला अधिकारी ने मेरा गला पकड़ कर खींचा। मगर मेरा निश्चय अटल है। मैं उत्तर प्रदेश में पुलिस दमन का शिकार हुए हरेक नागरिक के साथ खड़ी हूं। मेरा सत्याग्रह

प्रियंका के वाहन को पहले लोहिया चौराहे के पास पुलिस ने रोका । जब उन्होंने इसका विरोध किया और पूछा कि आखिर उन्हें क्यों रोका जा रहा है। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह मेरी सुरक्षा का नहीं बल्कि योगी की पुलिस का मुद्दा है। पुलिस के एक क्षेत्राधिकारी ने प्रियंका के वाहन के आगे अपनी गाड़ी लगा दी तो वह पैदल ही चल पड़ीं और करीब एक किलोमीटर दूर पुल पार करने के बाद प्रियंका फिर गाड़ी में बैठीं। आगे मुंशी पुलिया इलाके में पुलिस ने उन्हें फिर रोका तो वह दोबारा पैदल चलने लगीं और इंदिरा नगर के सेक्टर 18 में अचानक एक गली में मुड़ गयीं। इस दौरान पुलिस पूरी तरह से हलकान रही| बहरहाल वह दारापुरी के घर पहुँचने में कामयाब रहीं|

दारापुरी के परिजनों से मुलाकात के बाद निकली प्रियंका ने संवाददाताओं से कहा ''मैं गाड़ी में शांतिपूर्वक जा रही थी, तब कानून—व्यवस्था कैसे बिगड़ने वाली थी? मैंने किसी को बताया तक नहीं ताकि मेरे साथ तीन से ज्यादा लोग नहीं आयें। मुझे रोका गया तभी मैं पैदल चली। इनके पास मुझे रोकने का हक नहीं है। अगर गिरफ्तार करना चाहते हैं तो करें।'' इस सवाल पर कि क्या सरकार को लगता है कि उनकी वजह से उनकी राजनीति को खतरा है, प्रियंका ने कहा ''सबकी राजनीति को खतरा है।''