नई दिल्ली: झारखंड में सत्ता गंवाने के बाद अब BJP दिल्ली भी हार सकती है। यह आशंका भगवा पार्टी के ही वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने जताई है। उन्होंने इसके साथ ही कहा है कि देश में पसरी आर्थिक मंदी अयोध्या केस में हुई दल की जीत पर ग्रहण लगा रही है। ‘HuffPost India’ को दिए इंटरव्यू में स्वामी ने बताया कि भारत की पस्त अर्थव्यवस्था के कारण बीजेपी और उसके नेताओं को अयोध्या (राम मंदिर-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद) पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मिली जीत पर झटका लग सकता है।

उन्होंने इस बारे में विस्तार से बताया, “राम मंदिर निर्माण पर हम बेहद गंभीर हैं, इसलिए सड़कों पर जाने, माला पहनने, मिठाइयां बांटने और रैलियां करने का वक्त नहीं है। अर्थव्यवस्था ही प्रमुख चीज है। अगर आप इस क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करेंगे, तब यह जरूरी नहीं है कि आपकी ही जीत हो। क्यों? नरसिम्हा राव भी एक उदाहरण थे। यहां तक वाजपेयी (अटल जी) भी थे। सभी पार्टी कार्यकर्ता घर पर बैठे और बोले- ठीक है, आप ‘इंडिया शाइनिंग’ अपने पास रखें। आपने राम जन्मभूमि के लिए कुछ भी नहीं किया है।”

उनके मुताबिक, अगर अर्थव्यवस्था इतनी खराब होगी कि लोगों को यही नहीं मालूम कि वे बच्चे की स्कूल फीस कैसे भरें या फिर उनका बैंक आर्थिक संकट का शिकार होने वाला है। हम अर्थव्यवस्था के इसी चरण पर आ पहुंचे हैं। हम ‘बर्बादी’ के बेहद नजदीक हैं। हालांकि, कुछ चमत्कार ही इससे हमें बचा सकते हैं। शायद अच्छे सिद्धांत, लेकिन मुझे अच्छी नीतियां आती नहीं नजर आ रहीं। यह बेहद कठिन है, पर असंभव नहीं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव के संदर्भ में वह बोले, “राजधानी में हमारे पास कुछ वक्त है, जिसमें हम अच्छा मुख्यमंत्री का दावेदार खड़ा कर सकते हैं। अगर असम के मौजूदा राज्यपाल (जगदीश मुखी) को दिल्ली में सीएम कैंडिडेट बनाया जाए, तब हम पक्का जीत हासिल कर सकते हैं।” 80 वर्षीय सांसद ने आगे यह भी दावा किया कि देश के मौजूदा आर्थिक हालात इतने बदतर हैं कि भाजपा को उसकी कीमत झारखंड के साथ दिल्ली के विधानसभा चुनावों में हार के रूप में चुकानी पड़ सकती है। बता दें कि झारखंड में बीजेपी इस बार का चुनाव हार गई है, जबकि उसे 81 विधानसभा सीटों वाले सूबे में महज 25 सीटें ही हासिल हुईं।

बकौल बीजेपी सांसद, “बेरोजगारी का मुद्दा हर चीज को धराशायी कर देगा, जिसमें राम मंदिर का नाम भी शामिल है। पर मोदी किसी की सुनते ही नहीं हैं। वह तो सिर्फ उनकी सुनते हैं, जो उन्हें सच नहीं बताते हैं।” बता दें कि हार्वर्ड विवि से इकनॉमिक्स में पीएचडी पूरी करने वाले स्वामी अपनी पार्टी और पीएम मोदी को निशाने पर लेने के लिए जाने जाते हैं। पूर्व में वह नोटबंदी और जीएसटी जैसे केंद्र के बड़े फैसलों की कड़ी निंदा कर चुके हैं।