लखनऊ से तौसीफ़ क़ुरैशी

राज्य मुख्यालय लखनऊ।देवबन्द ने फिर देश को नई दिशा दी।1857 से लेकर देश के आज़ाद होने तक देवबन्द ने बहुत अहम किरदार निभाया लेकिन आज़ादी के बाद उस सोच ने सियासत से किनारा कर लिया था जो उस समय किन परिस्थितियों में लिया था उसको सही कहना या ग़लत कहना उचित नहीं समझता क्योंकि उस पर कुछ भी लिख कर बहस को जन्म देना होगा जो सही नहीं है सब लोग अपने-अपने तरीक़े से सोचते हैं सोचते रहे अब उस पर बहस करना बेकार होगा।नागरिक संशोधन क़ानून (CAA) को लेकर हो रहे विरोध को एक ख़ास सोच ने हिंसा का रूप दे दिया था जिसमें अब तक दर्जनों बेगुनाह लोगों की मौत हो गई है सैकड़ों घायल हो गए योगी सरकार के दावे के मुताबिक़ नागरिक संशोधन कानून के विरोध में हुई हिंसा में हुई कार्रवाई प्रदेश भर में 164 एफआईआर दर्ज,889 दंगाई गिरफ्तार कर भेजे गए जेल 5312 लोगों को हिरासत में लेकर की गई निरोधात्मक कार्रवाई अब तक हुई हिंसा में 288 पुलिसकर्मी घायल 61 पुलिसकर्मियों को गोली लगने से आई चोटें मौके से 647 खोखे बरामद,69 जिंदा कारतूस, 35 देसी तमंचे बरामद सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने पर 76 एफआईआर 108 लोग गिरफ्तार कर भेजे गए जेल, 15344 पोस्टो पर की गई कार्रवाई 155 यूट्यूब व अन्य प्रोफाइल ब्लॉक की गई DGP मुख्यालय ने जारी किए कार्रवाई के आंकड़े जबकि यह भी सच है कि जब अदालतों में इन दावों पर बहस होती हैं और सबूत माँगे जाते हैं तो सरकार और प्रशासन सबूत पेश करने में नाकाम साबित होते हैं जिसके बाद जो बेगुनाह लोग जेलों में रहते हैं उनको इसका कोई हर्जाना नहीं मिलता जब वह बेगुनाह साबित होते हैं।देवबन्द ने CAA का विरोध हिंसात्मक न हो यह बताने के लिए देवबन्द में बहुत निज़ाम से यह बताने की कोशिश की कि किसी भी समस्या का समाधान हिंसा से नहीं हो सकता है विरोध करने का तरीक़ा वैसा होना चाहिए जैसा हमारे बड़ों ने किया शान्ति से किया गया विरोध प्रदर्शन का बहुत असर होता है किसी भी सरकारी सम्पत्ति को नुक़सान करने या सरकारी अफ़सरों को कोई नुक़सान पहुँचा कर क्या किसी समस्या का समाधान किया या कराया जा सकता है बिलकुल नहीं देवबन्द ने देश भर के लोगों को यहीं संदेश देने की ज़रूरत को समझा।देवबन्द में CAA के विरोध को लेकर एक धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया जो बेहद शांत और बेहद गंभीर था इसके आयोजन करने वालों का कहना है कि हम देशभर में हो रहे प्रदर्शनों में हो रही हिंसा को सही नहीं मानते थे इसलिए हम लगातार इस प्रयास में लगे रहे कि देवबन्द में एक ऐसा कार्यक्रम किया जाए जिसमें हिंसा न हो प्यार से विरोध दर्ज कराया जा सके जिसमें वह कामयाब भी रहे। जनपद सहारनपुर के आला अधिकारियों की जब तक यह कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीक़े से निपट नहीं गया उनकी साँसें अटकी रही अधिकारियों सहित कर्मचारियों तक हर कोई देवबन्द के ईदगाह मैदान की तरफ़ बड़ी हसरत भरी निगाहों से देख रहा था क्योंकि वहाँ हज़ारों की तादाद में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था। CAA के विरोध में यूपी में चारों ओर हिंसा हो रही है लेकिन देवबन्द कीं कयादत मामले को शांतिपूर्वक संपन्न कराने की बात कर रही है जिसका अधिकारियों को भरोसा नहीं हो रहा था कि कही कुछ हो गया तो जवाब देना और उसे सँभालना भारी हो जाएगा लेकिन इस धरना-प्रदर्शन के आयोजक पूर्व विधायक माविया अली और जमीयत ने मिलकर नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस के अधिकारियों ने आयोजनकर्ताओ को हसरत भरी निगाहों से देखते हुए शुक्रिया और धन्यवाद ज्ञापित किया।इस कार्यक्रम को सफल बनाने में देवबन्द के लोगों ने पूर्व विधायक माविया अली का सहयोग किया उनका भी माविया अली ने दिल की गहराइयों से शुक्रिया अदा किया।इस कार्यक्रम को नाकाम करने के लिए भी एक लॉबी लग रही थी लेकिन उनके हाथ नाकामी लगी यह वह लोग थे जो जनपद सहारनपुर का अपने आपको स्वयंभू सिकंदर समझते हैं लेकिन CAA के विरोध में अभी तक कुछ भी नहीं कर पाए परन्तु वह यह भी चाहते थे कि कोई भी न कर पाए।ख़ैर देवबन्द की अवाम और आयोजन समिति ने ये ऐतिहासिक कार्यक्रम कर उन स्वयंभू रहनुमाओं को भी उनकी औक़ात बताई कि अच्छे काम करने के लिए स्वयंभू रहनुमाओं की ज़रूरत नहीं होती इच्छा शक्ति की ज़रूरत होती हैं जिसमें अल्लाह की मदद होती हैं और उसकी मदद जिसके साथ हो उसको नाकाम नहीं किया जा सकता है अब वही विरोधी अन्दर ही अन्दर अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं क्योंकि पूर्व विधायक माविया अली ने उन सभी स्वयंभू रहनुमाओं को फ़ोन कर कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बुलाया था लेकिन उनकी ख़ुदगर्ज़ी ने उनको नहीं आने दिया यह बात अपनी जगह पर है।परन्तु यह कहा जा सकता है कि कार्यक्रम बहुत ही कामयाब रहा और देश की जनता को यह संदेश भी चला गया CAA का विरोध हिंसात्मक न कर भी किया जा सकता है।