नई दिल्ली: संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन ने पूरे उत्तर प्रदेश को हिला कर रख दिया है। इस दौरान राज्य में 16 लोगों की मौत हो गई, जबकि बिहार में राजद द्वारा बुलाए गए भारत बंद के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा से रेल और सड़क यातायात बाधित हुआ। इस बीच उत्तर प्रदेश में आज फिर इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के 21 जिलों में इंटरनेट सेवा को सोमवार तक बंद कर दिया गया है। साथ ही तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेताओं के लखनऊ पहुंचने पर रोक लगा दी गई है। कांग्रेस, वामपंथी दल और अन्य विपक्षी पार्टिया केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रही हैं, जिसमें मांग की जा रही है कि विवादास्पद कानून को खत्म कर दिया जाए।

देश भर में नए कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज है। लेकिन उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून के विरोध में हिंसा की ज्यादा घटनाएं सामने आ रही हैं। इसे देखते हुए पुलिस-प्रशासन मुस्तैद है और हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। एहतियात के तौर पर उत्तर प्रदेश में रविवार को फिर इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। उत्तर प्रदेश के 21 जिलों में इंटरनेट सेवा सोमवार तक बंद रखने का ऐलान किया गया है। इसके अलावा यूपी डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि लखनऊ में धारा 144 लागू है, ऐसे में टीएमसी नेताओं को हम यहां आने की अनुमति नहीं देंगे। उनके यहां आने से तनाव बढ़ सकता है। यूपी डीजीपी ओपी सिंह ने पहले भी दावा किया था कि लखनऊ हिंसा में बाहरी लोगों का हाथ रहा है। सिंह ने कहा, 'हमें जानकारी मिली है कि टीएमसी के कुछ नेता लखनऊ आना चाहते हैं। हम उन्हें इजाजत नहीं देंगे। यहां धारा 144 लागू है और इनके आने से इलाके में तनाव और बढ़ सकता है।'