नई दिल्ली: प्रतिष्ठित इतिहासकार और लेखक रामचंद्र गुहा ने संशोधित नागरिकता कानून को शनिवार को ‘‘अनैतिक’’ और ‘‘संविधान की भावना के विरुद्ध’’ बताया तथा कहा कि कोई भी समझदार और न्यायपूर्ण सरकार इसे वापस ले लेगी।

उन्होंने कहा कि एनआरसी को तत्काल वापस लेना विश्वास बहाल करने और देश को मरहम लगाने के लिए पहला आवश्यक कदम है। गुहा ने ट्वीट किया, ‘‘दो चीजें बिल्कुल स्पष्ट है। पहला कि एनआरसी को फौरन वापस लेना विश्वास बहाल करने और देश को मरहम लगाने का पहला आवश्यक कदम है। दूसरा सीएए अनैतिक और संविधान की भावना के विरुद्ध है। कोई भी समझदार और न्यायपूर्ण सरकार इसे भी वापस ले लेगी।’’

गुहा उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें शहर में लागू निषेधाज्ञा की अवहेलना करते हुए यहां टाउन हॉल के समीप संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए बृहस्पतिवार को हिरासत में लिया गया। हिरासत में लिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए गुहा ने कहा था कि यह ‘‘पूरी तरह से अलोकतांत्रिक’’ है कि पुलिस शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी नहीं करने दे रही जो कि नागरिकों का लोकतांत्रिक अधिकार है।