नई दिल्ली: संशोधित नागरिकता कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) का विरोध कर रही केरल की पिनराई विजयन सरकार ने अब राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) की खिलाफत की है। राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से एनपीआर को अपडेट करने संबंधी तमाम गतिविधियों को स्थगित करने का आदेश दिया है। इस हफ्ते की शुरुआत में बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने एनपीआर को एनआरसी का पहला कदम मानने की आशंकाओं के मद्देनजर उसे अपडेट करने की तमाम गतिविधियों को स्थगित कर दिया था।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, इसी तरह की आशंकाओं का हवाला देते हुए, केरल सरकार ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून के मद्देनजर एनआरसी के लिए की जा रहीं एनपीआर की गतिविधियों के प्रति आम जनता में आशंकाओं पर विचार करते हुए फैसला लिया गया।
राज्य सरकार की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि राज्य ने हमेशा जनगणना अभ्यास के लिए पूर्ण समर्थन और सहयोग दिया।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के कार्यालय से एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ''जनगणना के संचालन के लिए अपना सहयोग जारी रखने के लिए सरकार कर्तव्य-बद्ध है, क्योंकि उसे टाला नहीं जा सकता है। राज्य में एनपीआर से संबंधित गतिविधियों को रोकने का फैसला उन तथ्यों की पृष्ठभूमि को देखते हुए लिया गया कि यह मुद्दा सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष है और संशोधित नागरिकता अधिनियम संवैधानिक मूल्यों से भटक गया है।''
सीएम विजयन और उनकी पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह संशोधित नागरिकता कानून और भारतभर में प्रस्तावित एनआरसी अभ्यास के खिलाफ है।
बता दें कि एनपीआर अपडेशन भारतभर में (असम को छोड़कर) 1 अप्रैल 2020 से 30 सितंबर 2020 तक, अगली जनगणना के साथ-साथ लिए किया जाना है।
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