पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि उनके राज्य में एनआरसी नहीं लागू की जाएगी। नीतीश की पार्टी जेडीयू ने नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन किया था। अब उन्होंने एनआरसी पर एनडीए सरकार से अलग स्टैंड लिया है। आपको बता दें कि जेडीयू महासचिव प्रशांत किशोर ने पहले ही पार्टी लाइन से अलग जाकर एनआरसी और सीएए का विरोध किया था। नीतीश कुमार से पहले ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी एनआरसी नहीं लागू किए जाने की बात कही थी। बीजेडी ने भी संसद में नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन किया था।

इससे पहले नागरिकता संशोधन कानून को जेडीयू की ओर से संसद में समर्थन दिए जाने को लेकर लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट के माध्यम से निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि देश जल रहा है। नागरिक संवैधानिक संकट के विरोध में सड़कों पर हैं। राजनीतिक दलों से लेकर सिविल सोसाइटी तक सभी इसे लेकर बात कर रहे हैं। आप बता सकते हैं कि केवल एक टर्नकोट नेता है, जो इस मामले पर चुप्पी साधे है? इतिहास उन्हें विश्वासघात, नीचता, अवसरवाद, कायरता और अमरता के लिए याद करेगा।

यहां बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण के खिलाफ राजद लगातार बिहार और केंद्र की एनडीए सरकार पर हमलावर है। राजद की ओर से 21 दिसंबर को इन दोनों मुद्दों को लेकर बिहार बंद का ऐलान किया गया है। वहीं, जदयू ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर लोकसभा औऱ राज्यसभा दोनों सदनों में केंद्र सरकार का साथ दिया है। लेकिन, जदयू की तरफ से कहा गया है कि वो एनआरसी बिहार में लागू नहीं होने देगा।