नागरिकता क़ानून पर वर्ल्ड मीडिया की तीखी प्रतिक्रिया

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन पर वर्ल्ड मीडिया ने भी CAA के मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। न्यूयॉर्क टाइम्स में लिखे एक लेख के मुताबिक देश की कुल जनसंख्या के 14 प्रतिशत मुसलमान नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सड़कों पर उतरे हुए हैं।

NYT के लेख के अनुसार, हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी भाजपा ने यह कानून बीते हफ्ते पास कराया है। प्रधानमंत्री मोदी और उनके गृह मंत्री अमित शाह मुस्लिमों को हाशिए पर धकेलकर भारत को हिंदू राष्ट्र में बदलना चाहते हैं। बीते दिनों मोदी सरकार ने मुस्लिम बहुमत वाले कश्मीर से भी उसके विशेषाधिकार छीन लिए थे। इस दौरान सरकार ने कई नेताओं को हिरासत में लिया और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं।

इसके साथ ही अगस्त में मोदी सरकार ने असम में एनआरसी लागू किया, जिससे करीब 20 लाख लोगों को बाहर रखा गया और इनमें से अधिकतर मुस्लिम थे। अब मोदी सरकार एनआरसी को पूरे देश में लागू करना चाहती है। लेख के अनुसार, एनआरसी से बाहर रहने वाले लोगों के लिए सरकार डिटेंशन सेंटर बनवा रही है।

लेख में गुजरात दंगों का भी जिक्र है। इसके साथ ही कहा गया है कि मोहनदास गांधी और जवाहर लाल नेहरू ने भारत को एक सेक्यूलर और लोकतांत्रित मुल्क बनाया, जिसमें सभी आस्था वाले लोग रहते हैं। लेकिन पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद से इसमें बदलाव किया जा रहा है।

इसके अनुसार, इतिहास की किताबें फिर से लिखी जा रही हैं, जिनमें मुस्लिम बादशाहों को बाहर रखा जा रहा है। लेख में मोदी सरकार में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं का भी जिक्र किया गया है। नागरिकता कानून भारतीय लोकतंत्र पर धब्बा है, जिसका विपक्षी पार्टियों द्वारा विरोध किया जा रहा है। मोदी सरकार अपने फैसले पर दृढ़ है, लेकिन लोग इस कानून का जमकर विरोध कर रहे हैं। लेख में कहा गया है कि नागरिकता कानून के लागू करने पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लग सकती है, जिस पर जनवरी में सुनवाई शुरू होगी।