मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ गुरुवार को हजारों लोग सड़कों पर उतरे और फिर यहां के ऐतिहासिक अगस्त क्रांति मैदान में एकत्र हुए। प्रदर्शनकारियों में राजनीतिक कार्यकर्ता, छात्र और बॉलीवुड की कुछ हस्तियां भी शामिल थीं जिन्होंने सीएए और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का विरोध किया। इसी तरह के प्रदर्शन महाराष्ट्र के अन्य कई शहरों में भी हुए।

मुंबई का अगस्त क्रांति मैदान इसलिए ऐतिहासिक है क्योंकि 1942 में इसी स्थान से महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के खिलाफ 'भारत छोड़ो आंदोलन का आह्वान किया था।' प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सीएए सांप्रदायिक है और यह मुसलमानों से भेदभाव करता है।

मुंबई में प्रदर्शन का आयोजन भाकपा जैसे राजनीतिक दलों और नागरिक समाज समूहों ने किया, लेकिन इसमें लगभग सभी तबके के लोग शमिल हुए। शाम चार बजे शुरू हुए इस प्रदर्शन में असम, मिजोरम के छात्र और अन्य भी स्थानीय लोगों के साथ शामिल हुए। इस प्रदर्शन की तुलना में चर्च गेट रेलवे स्टेशन के पास सीएए के समर्थन में हुई रैली फीकी पड़ गई।

फिल्म कलाकार-फरहान अख्तर, सुशांत सिंह, स्वरा भास्कर, फिल्म निर्माता राकेश ओमप्रकाश मेहरा और सईद मिर्जा जैसे लोग भी मैदान में मौजूद थे। लोगों को संबोधित करते हुए मिर्जा ने कहा कि अब समय आ गया है जब देखना है कि भारतीय आरएसएस के दूसरे प्रमुख गोलवलकर के विचारों को चुनते हैं या अंबेडकर के विचारों को। वे महात्मा गांधी के विचारों को चुनते हैं या उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे के विचारों को।

इस दौरान फिल्म निर्माता आनंद पटवर्धन, वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के पूर्व सहयोगी सुधींद्र कुलकर्णी और कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ मौजूद थीं। कॉलेज छात्रों, आईटी पेशेवरों और विभिन्न समुदायों के लोगों ने इस प्रदर्शन में हिस्सेदारी की जो शहर के विभिन्न हिस्सों से अगस्त क्रांति मैदान की ओर बढ़ते दिखे।

इसी तरह के प्रदर्शन पुणे, नागपुर और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में देखने को मिले। जलगांव में वाम दलों ने कानून का विरोध करने के लिए जिला कलेक्ट्रेट तक कूच किया। औरंगाबाद, कोल्हापुर, अहमदनगर और उस्मानाबाद में भी सीएए विरोधी प्रदर्शन हुए। वहीं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने पुणे और औरंगाबाद तथा मुंबई के चर्च गेट पर सीएए के समर्थन में प्रदर्शन किए।

मुंबई यातायात पुलिस ने यात्रियों को अगस्त क्रांति मैदान की ओर जाने वाले रास्तों से बचने की सलाह दी। नाना चौक से लेकर केंप्स कॉर्नर तक यात्रा प्रतिबंध लगाए गए थे। अगस्त क्रांति मैदान में ड्रोन विमानों से चप्पे-चप्पे की निगरानी की गई और वहां दंगा नियंत्रण पुलिस तथा एसआरपीएफ के कर्मी तैनात थे।