डीसीएम श्रीराम लिमिटेड ने बुधवार को ऐलान किया कि कंपनी ने अपनी सीएसआर पहल श्रीराम स्वच्छग्रह के माध्यम से उत्तरप्रदेश के हरदोई एवं लखीमपुर ज़िलों के सरकारी स्कूलों में 100 टाॅयलेट ब्लाॅक्स के निर्माण/नवीनीकरण की पहली प्रावस्था पूरी कर ली है। कंपनी ने जूटली जुनियर हाई स्कूल, हरियावन में अपने ‘कीर्तिमान 100’ पा्रेग्राम का आयोजन किया, जिसके तहत प्रोग्राम के अगले चरण की शुरूआत से पहले 100 टाॅयलेट ब्लाॅक्स ज़िला प्रशासन को सौंपे गए। डीसीएम श्रीराम ने ‘कीर्तिमान 100’ प्रोग्राम के दौरान सेनिटेशन पर एक काॅमिक पुस्तक ‘चमत्कारी सोनू की तीन स्वच्छ आदतें’ भी लाॅन्च की। काॅमिक पुस्तक का लाॅन्च श्री गजेन्द्र कुमार, सिटी मजिस्टेªेट, हरदोई द्वारा किया गया। काॅमिक का सुपरहीरो सोनू स्कूल के बच्चों को सेनिटेशन और हाइजीन की 3 आदतों के बारे में बताता है। इन उपलब्धियों पर बात करते हुए श्री रोशन लाल तामक, एक्ज़क्टिव डायरेक्टर एवं सीईओ- चीनी कारोबार, डीसीएम श्रीराम लिमिटेड ने कहा, ‘‘सबसे पहले ग्रामीण समुदायों के व्यवहार में बदलाव लाने की ज़रूरत है। समुदाय के सदस्यों में सेनिटेशन और हाइजीन की आदतें विकसित करने के लिए हमारे पास सशक्त टीम है।’’ श्री गजेन्द्र कुमार, सिटी मजिस्टेªेट, हरदोई ने डीसीएम श्रीराम टीम द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा, ‘‘कीर्तिमान 100डीसीएम श्रीराम की उल्लेखनीय उपलब्धि है, जो अपनी सीएसआर परियोजना के माध्यम से सरकारी स्कूलों में शौचालयों के परिवेश में सकारात्मक बदलाव लाई है। मैं यहां कहना चाहूंग कि डीसीएम श्रीराम ज़िला प्रशासन की सभी परियोजनाओं और प्रयासों में निरंतर सहयोग प्रदान कर रही है।’’ भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के अनुरूप डीसीएम श्रीराम के सेनिटेशन प्रोजेक्ट ‘श्रीराम स्वच्छग्रह’ को 3 राज्यों-गुजरात, राजस्थान और उत्तरप्रदेश में संचालित किया जा रहा है। कंपनी इस पहल की शुरूआत के बाद से 450 से अधिक स्कूल टाॅयलेट ब्लाॅक तथा 320 घरों में व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण कर चुकी है। स्वच्छग्रह की इस अनूठी पहल के तहत कंपनी न केवल सेनिटेशन को बढ़ावा दे रही है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि स्थानीय समुदायों के व्यवहार में बदलाव लाया जाए और वे शौचालय का इस्तेमाल करें। यह परियोजना को सफल बनाने के लिए बेहद ज़रूरी है! कंपनी विशेष एनजीओ के साथ भी साझेदारी करती है, जो परियोजना क्षेत्रों में इन गतिविधियों को अंजाम देते हैं। कार्यक्रम में 200 से अधिक स्कूली छात्रों, अध्यापकों और समुदाय के सदस्यों ने हिस्सा लिया, कंपनी के प्रयासों के परिणामस्वरूप इन लोगों के व्यवहार में बदलाव आया है। कंपनी ने उन गांवों को स्वच्छ ग्राम पुरस्कार भी दिए, जिन्होंने साल भर सेनिटेशन और हाइजीन बरक़रार रखी।