तौक़ीर सिद्दीक़ी
लखनऊ: नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ असम से फैली हिंसा की आग आज तहज़ीब के शहर लखनऊ तक पहुँच गयी| हजरतगंज से लेकर चौक तक हज़ारों की संख्या में लोग नागरिकता क़ानून और NRC के खिलाफ सड़कों पर उतर आये| प्रशासन के तमाम बंदोबस्त के बावजूद लोग हिंसा और तोड़फोड़ पर उतर आये| पुलिस ने जहाँ जमकर लाठियां बरसाईं, वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को काबू में करने की कोशिश की वहीँ आंदोलित भीड़ ने गुस्से में जमकर हंगामा किया| पुलिस चौकियां फूंकी गयीं, वाहनों को जलाया गया|
सबसे ज़्यादा हिंसक प्रदर्शन परिवर्तन चौक, खदरा और हुसैनाबाद इलाक़े में हुआ| परिवर्तन चौक पर भीड़ ने एक सरकारी बस और दुसरे वाहनों को आग लगा दी| मीडिया को भी नहीं बक्शा और दो चैनलों की ओ बी वैन आग लगने से पूरी तरह ख़ाक हो गयीं जबकि NDTV की ओ बी वैन को पथराव में काफी नुक्सान हुआ| खदरा की पुलिस चौकी को पूरी तरह नज़रे आतिश कर दिया गया और वहां खड़े सभी वाहन आग के हवाले कर दिए गए, पुलिस चौकी से पुलिस कर्मी अपना सामान लेकर भागते नज़र आये|
हालाँकि पुलिस प्रशासन इतनी हिंसा के बावजूद स्थिति को नियंत्रण में बता रहा है और कह रहा कि पैनिक जैसी कोई बात नहीं लेकिन लखनऊ में जिस तरह का हिंसक प्रदर्शन हुआ उससे एक बात तो साफ़ है कि पुलिस प्रशासन स्थिति को भांपने में पूरी तरह असफल रहा| हालाँकि पिछले दो दिनों से पुलिस के आला अधिकारीयों द्वारा आज के विरोध प्रदर्शन को लेकर कई बैठकें की गयीं और उपद्रवी तत्वों को वार्निंग भी दी गयी, सोशल मीडिया पर भी पुलिस महानिदेशक ने लोगों से घर से बाहर न निकलने की अपील की थी मगर उनकी अपील का असर लोगों पर नज़र आता नहीं दिखा| वैसे तो आज पूरे देशभर में नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए मगर लखनऊ के हिंसक प्रदर्शन ने लखनऊ की तहज़ीब पर धब्बा ज़रूर लगा दिया
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