प्रतियां जलाकर मोमिन अंसार सभा ने नागरिकता संशोधन एक्ट का किया ज़ोरदार विरोध

लखनऊ। अल्पसंख्यक दिवस पर केंद्र सरकार द्वारा CAA (नागरिकता संशोधन एक्ट) व NRC का मोमिन अन्सार सभा ने आज लखनऊ में एक्ट की प्रतियां जलाकर ज़ोरदार विरोध जताया| इस मौके पर मोमिन अन्सार सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मो.अकरम अन्सारी ने कहा कि संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों का कार्यक्षेत्र सिर्फ और सिर्फ संविधान ही है। संविधान की सीमाओं का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति वह चाहे जितने भी उच्चतम स्तर पर हो उन्हें अपने पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। हमारे भारतीय संविधान में मानवता के संरक्षण के लिए अनुच्छेद 14 व 15 में नागरिकों को मौलिक अधिकार दिए हैं जिनकी अवहेलना की जा रही है जिसे देश के सवा सौ करोड़ भारतवासी कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे और इस काले कानून को हटवाकर ही दम लेंगे।

अकरम अंसारी ने कहा, आज हमारे प्रजातांत्रिक धर्मनिर्पेक्ष देश के संविधान को कमजोर कर भीड़तंत्र का इस्तेमाल कर हिटलरशाही से फैसले लिए जा रहे हैं। हमारे छात्र देश का भविष्य हैं। जामिया यूनिवर्सिटी, नदवा कालेज, इंट्रीग्रल यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ यूनिवर्सिटी आदि देश के विश्व विख्यात शिक्षण संस्थानों में बर्बरतापूर्वक कार्रवाही करना देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ है जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है। इतिहास गवाह है कि अंग्रेजों द्वारा की गई बर्बरता भी देश के युवाओं व नागरिकों को कभी डरा न सकी। यह हमारी संस्कृति का हिस्सा है कि जितना भी हमें दबाया जाएगा हम उतना ही निखर कर उभरेंगे। आज हमने इस अल्पसंख्यक दिवस पर CAA (नागरिकता संशोधन एक्ट) की प्रतियां जलाकर इस काले कानून व NRC के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं और CAA (नागरिकता संशोधन एक्ट) को हटाने व गृहमंत्री से इस्तीफे की मांग करते हैं।

मो. अब्दुल रशीद एडवोकेट प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने कहा कि देशवासियों से उनकी नागरिकता का सबूत मांगने के लिए सरकार को शर्म आनी चाहिए क्योंकि इन्हीं देशवासियों के पूर्वजों ने बड़े पैमाने पर अपनी जान व माल की कुर्बानियां देकर देश के सपूत होने का सबूत दिया है उनसे कागजी सबूत मांगना अपने ही शहिदों का अपमान करना है।

मो. इकराम अन्सारी ने कहा कि इस तरह के मुद्दे लाना भारतीय जनता पार्टी का हथकंडा रहा है एफडीआई लागू होने के बाद सड़क, रेल, सुरक्षा, विमान, पुल इत्यादी इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास पर देशी व विदेशी कम्पनियां अपनी पूंजी लगा कर व्यापार करती हैं। जनता द्वारा वसूला गया लाखों करोड़ों रूपये का टैक्स कहा खर्च किया जा रहा है इसका हिसाब सत्ताधारी पार्टी को देना चाहिए। लेकिन इनकी मंशा नागरिको को आपस में लड़ाकर असल मुद्दों से ध्यान भटकाना है।

बैठक में प्रमुख रूप से मो. नसीम अन्सारी, हाफिज रफीक अहमद, इसरार अहमद एडवोकेट, बदरे आलम एडवोकेट, रईस अहमद, मन्सूर जमाल, डा. आसिफ कलाम, डा. परवेज अन्सारी, मो. कवि खां, इमरान अहमद राजू, रिजवान उमर, रहमत लखनवी, जुबैर अन्सारी, एजाजुल हसन, अयाज अहमद, मो. सुलेम, मेराज अन्सारी, मो. जावेद आदि उपस्थित थे।