नई दिल्ली: नागरिकता संशोधित कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल में प्रदर्शन जारी है। लगातार दूसरे दिन मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सड़कों पर उतरीं। ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री के उस बयान पर निशाना साधा, जिसमें कहा गया था कि 'ये जो आग लगा रहे हैं, ये कौन हैं उनके कपड़ों से ही पता चल जाता है।' उन्होंने कहा, 'कपड़े प्रदर्शनकारियों की पहचान को उजागर नहीं करते।'

ममता बनर्जी ने कहा, ' टोपी पहनने का मतलब यह नहीं है कि आप मुस्लिम हैं। क्या आप मुझे और मेरे कपड़े देखकर बता सकते हैं कि मैं कौन हूं?' उन्होंने कहा, 'हमारा स्लोगन है बंगाल में न तो नागरिकता कानून और न ही एनआरसी।' उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में एनआरसी के डर से 30 लोगों ने आत्महत्या कर ली है। इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?

उन्होंने कहा कि केंद्र ने राज्य में हिंसा की "एक या दो छोटी घटनाओं" पर रेलवे सेवाएं बंद कर दी हैं। रेलवे संपत्ति की सुरक्षा करना रेलवे सुरक्षा बल के जवानों का कर्तव्य है, फिर भी हमने उन्हें सहायता दी। केंद्र से फिर से रेल सेवा शुरु करने का अनुरोध करूंगी। ममता बनर्जी ने कहा कि हमने बवाल में शामिल 600 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है।

रविवार को एक रैली में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि अगर वे नागरिकता संशोधन कानून लागू करना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें मेरी लाश से गुजरना होगा। उन्होंने कहा कि हमारा विरोध प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा, जब तक एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून केंद्र सरकार वापस नहीं ले लेगी।

बता दें कि नागरिकता कानून के खिलाफ पूर्वोत्तर और पश्चिम बंगाल में प्रदर्शन हो रहे हैं, जहां कई रेलवे स्टेशनों, ट्रेनों और बसों को भीड़ ने आग के हवाले कर दिया गया। इस पर पीएम मोदी ने कहा था, ‘‘जो लोग आगजनी कर रहे हैं उन्हें टीवी पर देखा जा सकता है। उनकी पहचान उनके द्वारा पहने गए कपड़ों से की जा सकती है।'