कहा- मुसलमानों का बहिष्कार करना ‘उचित’ नहीं

नई दिल्ली: संशोधित नागरिकता कानून (CAA) पर एनडीए को दो दशक पुरानी सहयोगी शिरोमण अकाली दल ने बड़ा झटका दिया है। अकाली दल की मांग है कि इस कानून में मुस्लिमों को भी शामिल किया जाए। एनडीए सहयोगी का मानना है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है ऐसे में मुसलमानों का बहिष्कार करना ‘उचित’ नहीं।’

कानून के संसद से पास होने पर शिरोमणि अकाली दल के महासचिव और प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून में धर्म के आधार पर प्रताड़ना सहने वाले शर्णार्थियों को जगह दी गई है लेकिन हमें लगता है कि इसके दायरे में मुस्लिमों को भी लेकर आना चाहिए।’

उन्होंने कहा कि ‘हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोग जो कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आकर सालों से भारत में रहे हैं उन्हें इस बिल के जरिए नागरिकता मिलेगी। उन्हें भी वह सभी अधिकार मिलेंगे जिससे वह अब तक वंछित हैं। लेकिन दूसरा पहलू यह है कि मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया है।’

चीमा ने कहा है कि हमारी पार्टी का इस मामले में रुख एकदम साफ है। मुस्लिमों को भी इस कानून के तहत फायदा मिलना चाहिए। किसी के भी खिलाफ धर्म के आधार पर अन्याय नहीं किया जाना चाहिए। ऐसे में केंद्र सरकार को मुस्लिमों को भी इसमें शामिल करना चाहिए।’ बता दें कि नागरिकता कानून का विरोध कर रहे विपक्षी दलों के नेता मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे। विपक्ष की मांग है कि मोदी सरकार इस कानून को वापस ले।

वहीं कानून के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन का दौर जारी है। दिल्ली की जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में छात्र जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जामिया ही नहीं देश की अलग-अलग यूनिवर्सिटीज के छात्र भी इसका विरोध कर रहे हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज भी संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर में यादवपुर 8बी बस स्टैंड से एक रैली निकालेंगी। ममता ने सोमवार को कानून के खिलाफ रेड रोड से लेकर रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक निवास जोरासंको ठाकुरबाड़ी तक विशाल रैली निकाली थी।