लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने सावरकर के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला है। मायावती ने कहा कि शिवसेना अपने मूल एजेंडे पर कायम है, उसने नागरिकता संशोधन बिल (कानून) पर भी केंद्र सरकार का साथ दिया और अब सावरकर पर भी कांग्रेस का रुख उसे बर्दाश्‍त नहीं है। बसपा नेता ने कहा कि इतना सब होने के बाद भी कांग्रेस शिवसेना के साथ बनी हुई है। इसे लेकर कांग्रेस पार्टी अपनी स्थिति स्‍पष्‍ट करे नहीं तो इसे कोरी नाटकबाजी माना जाएगा।

मायावती ने ट्वीट कर कहा, 'शिवसेना अपने मूल एजेंडे पर अभी भी कायम है, इसलिए इन्होंने नागरिकता संशोधन बिल पर केंद्र सरकार का साथ दिया और अब सावरकर को भी लेकर इनको कांग्रेस का रवैया बर्दाश्त नहीं है। फिर भी कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के साथ अभी भी बनी हुई है तो यह सब कांग्रेस का दोहरा चरित्र नहीं है तो और क्या है?

बसपा प्रमुख ने कहा, 'अतः इनको (कांग्रेस) इस मामले में अपनी स्थिति जरूर स्पष्ट करनी चाहिए। वरना यह सब इनकी अपनी पार्टी की कमजोरियों पर से जनता का ध्यान बांटने के लिए केवल कोरी नाटकबाजी ही मानी जाएगी।'

बता दें कि सावरकर के मुद्दे पर शिवसेना और कांग्रेस के बीच तलवारें खिंच गई हैं। भाजपा के 'रेप इन इंडिया' बयान पर राहुल गांधी ने शनिवार को कह दिया कि उनका नाम 'राहुल सावरकर' नहीं है, वह कभी माफी नहीं मांगेंगे। राहुल गांधी के इस बयान के बाद शिवसेना ने निशाना साधा। शिवसेना के प्रवक्‍ता संजय राउत ने कहा कि राहुल गांधी के बयान से इतिहास नहीं बदलेगा और उन्‍हें सावरकर के बारे में पढ़ना चाहिए। राहुल इतिहास के पन्‍ने नहीं फाड़ सकते हैं। कांग्रेस के साथ इस मुद्दे पर बढ़ते गतिरोध के बीच शिवसेना ने कहा कि सावरकर पर शिवसेना अपने पुराने स्‍टैंड पर कायम है।

राउत ने कहा है कि नेहरू-गांधी की तरह सावरकर ने भी देश के लिए बलिदान दिया था। उन्होंने कहा, 'वीर सावरकर सिर्फ महाराष्ट्र के ही नहीं, देश के देवता हैं, सावरकर नाम में राष्ट्र अभिमान और स्वाभिमान है। नेहरू-गांधी की तरह सावरकर ने भी देश की आजादी के लिए जीवन समर्पित किया। इस देवता का सम्मान करना चाहिए। उसमें कोई भी समझौता नहीं होगा। जय हिंद।' राउत ने आगे ट्वीट किया, 'हम पंडित नेहरू, महात्मा गांधी इन्हें मानते हैं, आप भी वीर सावरकर का अपमान मत करो। जो समझदार होता है उसे ज्यादा बताने की जरूरत नहीं होती।'