लखनऊ: पासबाने वतन फाउंडेशन के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद आज़म हशमती ने ने नागरिकता बिल पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह बिल हिंदुस्तान की धार्मिक एकता को सांप्रदायिक आधार पर बांटता है।इस बिल में एक विशेष वर्ग के अधिकारों का हनन हो रहा है, जबकि संविधान के अनुच्छेद 14 में देश के हर नागरिक को समानता का अधिकार दिया गया है। संविधान में साफ़ कहा गया है कि देश में किसी भी नागरिक के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा। लेकिन इसके बावजूद इस सरकार में ऐसा बिल लाया गया है, जिस में धार्मिक आधार पर कुछ वर्गों को भारत की नागरिकता देने और मुसलमानों को न देने की बात करता है।

मौलाना मोहम्मद आज़म हशमती ने कहा कि इस बिल के बाद मुसलानों के लिए राष्ट्रीय नागरिकता हासिल करने में परेशानी आएगी जिसका वे हर स्तर पर विरोध करेंगे। मौलाना ने कहा कि अब हमारे पास एक ही रास्ता बचा है, और इसे हम सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।उन्होंने कहा कि बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किया जाएगा।

मौलाना मोहम्मद आज़म हशमती ने कहा कि यह बिल सरकार ने पास कर दिया है, लेकिन देश भर में इसके खिलाफ नाराज़गी पाई जा रही है,और अब न्यायपालिका इस पर बेहतर निर्णय ले सकती है। इस संबंध में वकीलों से सलाह ली गई है और एक याचिका का मसौदा तैयार किया जा रहा है।पासबाने वतन फाउंडेशन सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेगा।