मुंबई: शिवसेना ने शुक्रवार को केंद्र को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि नया नागरिकता कानून लाकर वह यह दिखाना चाहती है कि वह हिंदुओं की इकलौती तारणहार है।

उसने कहा कि केंद्र के इस कदम से पूर्वोत्तर राज्यों में हिंसा चालू हो गई है, ऐसा दर्द देकर वह किस तरह की राजनीति करना चाहती है। विवादित नागरिकता (संशोधन) विधेयक (कैब) को लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने के बाद बृहस्पतिवार रात को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी मंजूरी दे दी थी। इसके साथ ही विधेयक कानून में तब्दील हो गया है।

शिवसेना ने आरोप लगाया कि यह विधेयक केवल इसलिए लाया गया ताकि वह (केंद्र सरकार) साबित कर सके कि दुनियाभर में हिंदुओं के रक्षक केवल वे ही हैं। लेकिन सरकार के पास इसका कोई ठोस जवाब नहीं है कि अनुच्छेद 370 के लगभग सभी प्रावधानों को खत्म करने के बावजूद कश्मीरी पंडित कश्मीर क्यों नहीं लौट सके हैं।

दल ने कहा, ‘‘कश्मीर में हालात अभी भी सामान्य नहीं हैं।’’ उद्धव ठाकरे नीत दल ने विधेयक का लोकसभा में तो समर्थन किया था लेकिन राज्यसभा में मतदान ही नहीं किया। पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा, ‘‘पूर्वोत्तर के कई राज्यों में कोहराम मचा हुआ है, हिंसा ऊफान पर है। यह दर्द मोल लेकर सरकार कैसी राजनीति कर रही है।’’

राज्यसभा में विधेयक पर मतदान के दौरान शिवसेना के सांसदों के बर्हिगमन के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूछा था कि विधेयक को लेकर पार्टी का रुख रातोरात कैसे बदल गया।