नई दिल्ली: शिवसेना नेता संजय राउत ने नागरिक संसोधन विधेयक (सीएबी) पर राज्य सभा में चर्चा के दौरान बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें किसी से देशभक्ति का सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है। राउत ने साथ ही इस सवाल को भी उठाया कि क्या शरणार्थियों को नागरिकता दिए जाने पर वोट के अधिकार भी मिलेंगे।

राउत ने कहा, 'मैं कल से सुन रहा हूं कि जो इस बिल को समर्थन नहीं देगा वह देशद्रोही है। अब कहा गया है कि जो बिल के विरोध में हैं वो पाकिस्तान की भाषा बोल रहा है। हमें किसी से देशभक्ति का सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है। हम कितने कठोर हिंदू हैं यह बताने की जरूरत नहीं है। आप जिस स्कूल में पढ़ते हो, हम उस स्कूल के हेड मास्टर हैं। हमारे स्कूल के हेडमास्टर बालासाहेब ठाकरे थे। अटल जी, श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी थे, हम सभी को मानते हैं।'

संजय राउत ने साथ ही कहा कि ये सच है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार होता है लेकिन इस मामले में वोट बैंक की राजनीति नहीं होनी चाहिए।

संजय राउत ने सरकार से पूछा, 'क्या इस बिल के पास होने के बाद आप घुसपैठियों को बाहर निकालेंगे? अगर शरणार्थियों को स्वीकार करते हैं तो उस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। क्या उनको वोटिंग राइट्स मिलेंगे?'

इससे पहले शिवसेना ने नागरिकता संशोधन विधेयक पर लोकसभा में सरकार को समर्थन दिया था। हालांकि, शिवसेना ने बिन्दुओं पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग करते हुए लोकसभा में कहा था कि जिन लोगों को इस विधेयक के अमल में आने पर नागरिकता मिलने वाली है, उन्हें 25 साल तक मताधिकार नहीं दिया जाए।