नई दिल्ली: लोकसभा ने सोमवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है। संसद से लेकर सड़कों तक इस बिल का जमकर विरोध हो रहा है। संसद में असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और तेलंगाना राष्ट्र समिति ने विरोध। इसी कड़ी में भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी के करीबी माने जाने वाले सुधींद्र कुलकर्णी ने भी इस बिल को लेकर गृह मंत्री अमित शाह पर हमला बोला है।

कुलकर्णी ने ट्वीट कर लिखा कि

पाकिस्तान, बंग्लादेश, अफगान की प्रिय जनता और नेता

भारतीय सरकार आप पर आपके अल्पसंख्यकों को सताने का आरोप लगा रही है
मुझे दुःख है कि भारत का नागरिकता संशोधन हमारे मुस्लिम भाइयों को द्वितीय श्रेणी के नागरिकों के लिए काम कर रहा है

आप इसके बारे में क्या करेंगे?

कुलकर्णी ने इससे पहले एक और ट्वीट कर लिखा कि शाह काले कानून के लिए संसद में सफेद झूठ बोल रहे है। दरअसल निचले सदन में विधेयक पर जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि मैं सदन के माध्यम से पूरे देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि यह विधेयक कहीं से भी असंवैधानिक नहीं है और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं करता। अगर इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर नहीं होता तो मुझे विधेयक लाने की जरूरत ही नहीं पड़ती।’’ उन्होंने कहा कि नेहरू-लियाकत समझौता काल्पनिक था और विफल हो गया और इसलिये विधेयक लाना पड़ा।

शाह के इस बयान पर हमला बोलते हुए कुलकर्णी ने ट्वीट कर लिखा “संसद के इतिहास में, शायद ही हमने कभी किसी वरिष्ठ मंत्री को काले कानून का बचाव करने के लिए इस तरह से सफेद झूठ बोलते सुना है! कांग्रेस ने धर्म के आधार पर विभाजन नहीं किया, न ही स्वीकार किया था। ये मुस्लिम लीग ने किया था। कांग्रेस हमेशा एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में भारत के लिए प्रतिबद्ध रही, बीजेपी नहीं।”