नई दिल्‍ली. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्‍य न्‍यायाधीश आरएम लोढा ने लोकसभा से पारित नागरिकता संशोधन विधेयक पर सवाल उठाए. उन्‍होंने कहा कि धर्म के आधार पर बनाया गया कोई भी कानून संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. बता दें कि लोकसभा में सोमवार को देर रात तक हुई गरमा-गरम बहस के बाद बिल को पारित कर दिया गया. विधेयक के पक्ष में 311, जबकि इसके खिलाफ महज 80 वोट ही पड़े. माना जा रहा है कि मोदी सरकार इस विधेयक को राज्‍यसभा से भी पारित करा लेगी.

पूर्व सीजेआई लोढा ने कहा कि इस कानून पर अभी बात करना या कुछ भी कहना जल्‍दबाजी होगा. अभी हमें यह भी नहीं पता कि इस कानून की संरचना कैसी होगी. सिर्फ इतना कहा जा सकता है कि धर्म के आधार पर किसी समुदाय को बनाए जा रहे किसी भी कानून से बाहर रखना संविधान के प्रावधानों को संतुष्‍ट नहीं कर पाएगा. दूसरे शब्‍दों में कहा जाए तो ऐसा कानून संविधान की मूलभावना के खिलाफ होगा. हिंदुस्‍तान टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक, बहुत से लोग विधेयक को असंवैधानिक बता रहे हैं. वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि बिल मुस्लिमों के खिलाफ है.