नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी मोबाइल सर्विस कंपनी वोडाफोन आइडिया के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के हाल के फैसले के बाद पिछली वैधानिक देनदारियों को लेकर अगर सरकार ने कोई मदद नहीं की तो कंपनी को अपना कारोबार बंद करना होगा।

यहां एक कार्यक्रम में 53,038 करोड़ रुपये की देनदारियों के लिए सरकार की तरफ से कोई मदद न मिलने की स्थिति में वोडाफोन आइडिया के भविष्य को लेकर एक सवाल पर बिड़ला ने कहा कि अगर मदद नहीं मिलती है तो उनका मानना है कि वोडाफोन आइडिया की कहानी यहीं खत्म हो जाएगी।

देश के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो द्वारा मुफ्त कॉलिंग और अत्यंत सस्ते रेट पर डाटा सर्विस दिए जाने के कारण दबाव में बिड़ला की आइडिया सेल्युलर और ब्रिटिश टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन पीएलसी की भारतीय कंपनी ने पिछले साल विलय किया था और इसके साथ ही वोडाफोन-आइडिया लि. देश की सबसे बड़ी मोबाइल कंपनी बन गई।

विलय के बाद इस कंपनी का कुल बाकी कर्ज 1.17 लाख करोड़ रुपये हो गया। कुछ हफ्तों पहले ही कंपनी ने भारतीय कॉरपोरेट जगत का सबसे बड़ा घाटा दर्ज किया। वैधानिक देनदारियों की गणना के लिए फॉर्मूले को लेकर सरकार के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद दूसरी टेलीकॉम कंपनियों की तरह वोडाफोन आइडिया पर भी भारी-भरकम देनदारी आ गई। इसी देनदारी के लिए प्रावधान किए जाने के कारण कंपनी के घाटे का रिकार्ड बन गया।

वोडाफोन आइडिया में और पूंजी लगाने के सवाल पर बिड़ला ने कहा कि खराब कारोबार के लिए पैसा लगाने का कोई मतलब नहीं है। हमारे लिए यह कहानी पूरी हो गई। हम कारोबार बंद कर देंगे।

मार्केट लीडर भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अन्य टेलीकॉम कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पिछले 14 साल का लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम चार्ज का पैसा ब्याज और जुर्माने के साथ भरना है। यह रकम 1.47 लाख करोड़ रुपये बनती है।

एयरटेल और वोडाफोन आइडिया दोनों ने ही ब्याज और जुर्माने में राहत के लिए सरकार से मांग की है। बिड़ला को उम्मीद है कि सरकार न सिर्फ टेलीकॉम सेक्टर बल्कि समूचे कारोबारी जगत के लिए राहत देगी ताकि समूची अर्थव्यवस्था को रफ्तार दी जा सके। अर्थव्यवस्था छह साल के निचले स्तर 4.5 फीसदी पर रह गई है।