लखनऊ: उत्तर प्रदेश में महिला संबंधी अपराधों में तमाम दावों के बाद भी अमूमन रोजाना घटनाएं सामने आ रही हैं। ताजा मामला उन्नाव जिले का है। जहां गैंगरेप पीड़िता को आरोपियों ने गांव के बाहर ही पेट्रोल डालकर जलाने की कोशिश की है। पुलिस ने युवती को गंभीर हालत में जिला अस्पताल भर्ती कराया गया, इसके बाद हालत गंभीर देख लखनऊ के सिविल अस्पताल में रेफर किया गया है। वरिष्ठ अधिकारी भी अस्तपाल पहुंच गए हैं। राज्य की इस घटना को लेकर राजनीतिक दलों की तरफ से बयानबाजी भी शुरू हो गई है।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को जिंदा जला देने के मामले में आरोपियों पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं साथ ही मंडलायुक्त व पुलिस महानिरीक्षक से शाम तक मामले की रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री ने बयान जारी कर कहा कि पीड़िता का सरकारी खर्च पर इलाज करवाया जाएगा और आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।

उन्नाव जिले के बिहार थानाक्षेत्र के हिन्दुनगर गांव निवासी एक युवती ने गांव के ही प्रधान पुत्र समेत पांच अन्य आरोपियों के खिलाफ मार्च माह में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, लेकिन दो अन्य आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर थे। इसी बीच तीनों आरोपी जमानत पर जेल से बाहर आ गए और आरोप है कि उन्होंने अपने दो साथियों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया है।

पीड़िता गांव भाटन खेड़ा से रेलवे स्टेशन जा रही थी। इसी बीच आरोपियों ने उसे रोक कर आग के हवाले कर दिया। आरोपी युवक बेखौफ युवती को जलाने के बाद मौके से फरार हो गए। युवती को आग लगाने की कोशिश की सूचना पर जिले में हड़कंप मच गया। आरोप है कि बिहार थाने की पुलिस आरोपियों को संरक्षण दे रही थी।

मामले में एसपी उन्नाव का कहना है घटना के तत्काल बाद पीड़िता के बयान के आधार पर सभी तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने जब आरोपियों के घरों पर छापे मारे तो सभी अपने-अपने घरों पर परिवारवालों के बीच मौजूद मिले। वहीं से उन्हें गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। घटना की गहन तफ्तीश की जा रही है। इससे जुड़े कुछ और तथ्य भी मिले हैं, जिनकी पुलिस जांच कर रही है।

रायबरेली से पांच दिन पैदल चलकर दंपत्ति एक दिन पहले लखनऊ सीएम से मिलने पहुंचे। आरोप है कि एक साल पहले गैंगरेप की वारदात के बाद रायबरेली पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। सीएम आवास की तरफ बढ़ने पर हजरतगंज पुलिस ने उन्हें समझा बुझाकर कोतवाली ले गई और आश्वासन देकर वापस भेज दिया। वहीं, पीड़ित परिवार न्याय नहीं मिलने पर ईच्छा मृत्यु की मांग कर रहा है।