नई दिल्ली: आइएनएक्स से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को आज सुबह सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी। जमानत मिलने के बाद चिदंबरम जेल से बाहर आ गए हैं। उन्हें लेने कार्ति चिदंबरम तिहाड़ जेल पहुंचे थे। इस मौके पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।

तिहाड़ जेल से छूटने के बाद चिदंबरम सोनिया से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। उन्होंने मीडिया से कहा कि मैं कल एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करूंगा। मुझे खुशी है कि मैंने आजादी की हवा में कदम रखा और सांस ली। उन्होंने कहा कि 106 दिनों तक कैद में रखने के बावजूद मेरे खिलाफ एक भी आरोप तय नहीं किया गया। उनके स्वागत के लिए तिहाड़ जेल के बाहर सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस समर्थक मौजूद रहे। इस दौरान सांसद और उनके बेटे कार्ति भी थे। कार्ति ने कहा कि लंबा इंतजार रहा। मैं सुप्रीम कोर्ट का शुक्रगुजार हूं। मैं सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा समेत पूरे कांग्रेस नेतृत्व का आभारी हूं जिन्होंने हमारा सहयोग किया।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को जमानत दे दी। कोर्ट ने ईडी के विरोध और हाई कोर्ट के जमानत खारिज किए जाने के फैसले पर सवाल भी उठाए। कोर्ट ने कहा कि सील कवर में ईडी के दस्तावेज के आधार न्यायिक निष्कर्ष निकालना सही नहीं कहा जा सकता।

चिदंबरम ने उनकी जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली हाई कोर्ट के 15 नवंबर के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। जस्टिस आर भानुमति की पीठ ने 28 नवंबर को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी की थी। चिदंबरम पर यह मामला ईडी से जुड़ा है। इससे पहले उनको सीबीआई से जुड़े केस में जमानत मिल चुकी है। अगस्त में कांग्रेस नेता को हिरासत में लिया गया था, जिसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया। यानी पिछले 106 दिनों से चिदंबरम हिरासत में ही थे।

कोर्ट ने चिदंबरम को 2 लाख के निजी मुचलके और बिना अनुमति देश नहीं छोड़ने की शर्त पर जमानत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने पी चिदंबरम को निर्देश दिया कि वे एक ही राशि के 2 जमानत के साथ 2 लाख रुपये की जमानत राशि प्रस्तुत करें। शीर्ष अदालत ने कहा कि चिदंबरम अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेंगे और न ही गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश करेंगे और न ही सबूतों से छेड़छाड़ करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम को जमानत देने के साथ कई बंदिशें भी लगाई हैं। वह आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग केस के सिलसिले में मीडिया में कोई इंटरव्यू नहीं दे सकेंगे और न ही अपने या किसी सह–अभियुक्त के बारे में सार्वजनिक बयान दे सकेंगे। ईडी की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि जमानत याचिका पर सुनवाई से पहले मीडिया में रिपोर्ट और लेखों के जरिए सुनवाई को प्रभावित करने की कोशिश की गई।