नई दिल्ली: हैदराबाद गैंगरेप का मामला सोमवार को संसद में भी गूंजा। लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों में इस घटना की हर दल के सांसदों ने कड़ी निंदा की। इस दौरान समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सदस्य जया बच्चन ने कहा कि जिन लोगों ने ऐसा किया, उनकी सार्वजनिक तौर पर लिंचिंग करनी चाहिए।

राज्यसभा सदस्य जया बच्चन ने कहा कि चाहे निर्भया हो या कठुआ, सरकार को उचित जवाब देना चाहिए। जिन लोगों ने ऐसा किया, उनकी सार्वजनिक तौर पर लिंचिंग करनी चाहिए। जिन पुलिसकर्मियों ने लापरवाही बरती है, उनका नाम सार्वजनिक किया जाना चाहिए और उनको शर्मिंदा करना चाहिए। जया बच्चन ने कहा, “ऐसे मामलों पर मैं पता नहीं कितनी बार बोल चुकी हूं, सरकार को अब कार्रवाई करनी चाहिए। एक दिन पहले ही हैदाराबाद में उसी तरह हादसा हुआ था। कुछ देशों में जनता दोषियों को सजा देती है। दोषियों को अब जनता ही सबक सिखाए। उन्होंने कहा कि दोषियों की सार्वजनकि लिंचिंग होनी चाहिए।”

वहीं तेलंगाना के नालगोंडा के सांसद उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि ये हादसा शहर के सबसे सुरक्षित इलाके में हुआ, ये हैरान करने वाला है। उन्होंने कहा कि दोषियों को इस मामले में जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए।

अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल ने कहा, “मैं हैदराबाद में हुई बर्बरता की घोर निंदा करती हूं। इस घटना ने देश को शर्मसार किया है। राज्य सरकार का रवैया दुखद रहा। देश में बार-बार ऐसी घटनाएं होती हैं और सदन इस पर चर्चा करता है।

लोकसभा में भी इस मामले को लेकर चर्चा चल रही है। सदन के उपनेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि घटना से पूरा देश शर्मसार हुआ है। सभी ने निंदा की है। इसमें जो भी अपराधी हैं उसको सजा मिले। निर्भया कांड के बाद एक कठोर कानून बना था, लेकिन उसके बाद भी जघन्य कृत्य हो रहे हैं। कठोर कानून बनाने को हम तैयार हैं। उन्होंने कहा कि फैसला आप (लोकसभा अध्यक्ष) पर छोड़ता हूं, जिस कानून को बनाने की सहमति बनेगी हम उसे बनाने के लिए तैयार हैं।

राज्यसभा में आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि निर्भया के दोषियों को अब तक सजा नहीं हुई है। इस मामले में समय पर कार्रवाई होनी चाहिए। महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि नए विधेयक की जरूरत नहीं है। ऐसे वक्त में राजनीतिक इच्छाशक्ति, प्रशासनिक कौशल और मानसिकता में बदलाव की ज्यादा जरूरत है।

राज्यसभा स्पीकर वेंकैया नायडू ने कहा कि नए बिल की नहीं बल्कि 'पॉलिटिकल विल' की जरूरत है और प्रशासनिक स्किल, माइंडसेट को बदलने की। इसके बाद ही हम इस सामाजिक बीमारी को खत्म कर सकते हैं। वेंकैया नायडू ने आरोपियों के नाबालिग होने पर कठोर सजा से बचने पर कहा कि जो इस तरह के अपराध करते हैं उन्हें लेकर उम्र का हवाला देने की बात मुझे समझ नहीं आती। इस पर सांसदों ने मेज थपथपाई। उन्होंने कहा कि यह सामाजिक विकृति है। फास्ट ट्रैक समाधान है लेकिन उसके बाद की क्या प्रक्रिया है। सभी पहलू सबके सामने है। हम सबको मिलकर इसका जवाब देना है। केवल कानून बनाने से समाधान नहीं होगा। हमने देखा कि सजा देने के बाद भी क्या हुआ। हमें कानून को और सख्त करना होगा।

गौरतलब है कि, 28 नवंबर को हैदराबाद के शादनगर में 26 साल की महिला पशु चिकित्सक का जला हुआ शव मिला था। पुलिस ने 29 नवंबर को वारदात को अंजाम देने वाले चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी के बाद घटना की हैरान करने वाली कहानी सबके सामने आई थी। इन आरोपियों ने टोल प्लाजा पर खड़ी पीड़िता की स्कूटी के टायर की हवा निकाल दी थी। जब डॉक्टर स्कूटी के पास पहुंची तो शराब के नशे में धुत्त ये आरोपी उसके पास सहायता करने के बहाने पहुंचे। बाद में इन्होंने डॉक्टर के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया और उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी। इतना ही नहीं उन्होंने मृत डॉक्टर के शरीर को आग के हवाले कर दिया।