मुंबई: मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने महाराष्ट्र मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने आज आयोजित एक प्रेस कांन्फ्रेंस में इसका ऐलान किया है। मालूम हो कि महाराष्ट्र संकट को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कल यानी 27 नवंबर को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया है। इससे पहले देवेंद्र फड़नवीस ने शनिवार (23 नवंबर) को मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी।

फड़नवीस ने कहा कि जो तय नहीं हुआ था वो हमारे सर पर लादा गया। हम किसी के साथ ही जा सकते हैं। हमने तय किया किया जो चुनाव से पहले तय नहीं हुआ वो हम नहीं करेंगे| शिवसेना ने हमसे चर्चा करने के बजाए एनसीपी कांग्रेस के पास गए। हमारे पास बहुमत नहीं है। इसलिए प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद राज्यपाल को इस्तीफा देने जा रहा हूं।

उन्होंने कहा कि आप सबको पता है कि विधानसभा के चुनावों में महाराष्ट्र की जनता ने महायुती को संपूर्ण बहुमत दिया और बीजेपी की सरकार बनाने का जनादेश दिया। इसी जनादेश का सम्मान करते हुए मैंने सरकार बनाने का प्रयास किया

देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि शिवसेना बीजेपी गठबंधन को जनता ने मतदान किया। बीजेपी को जनादेश दिया। शिव सेना के साथ चुनाव लड़ा, हमारा स्ट्राइक रेट ज्यादा था। हमने एक सरकार बनाने का प्रयास किया। जो बात कभी तय नहीं हुई शिव सेना ने वही बात कही है।

वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कुछ घंटे बाद अजित पवार ने उप-मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया है। बता दें कि महज तीन दिन के अंदर देवेंद्र फड़नवीस ने इस्तीफा दिया है।

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल को निर्देश दिया कि वह 27 नवंबर को राज्य विधानसभा में शक्ति परीक्षण सुनिश्चित करें। अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को बुधवार को विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा। शीर्ष अदालत ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को निर्देश दिया कि वह यह भी सुनिश्चित करें कि सदन के सभी निर्वाचित सदस्य बुधवार को ही शपथ ग्रहण करें।

अदालत ने कहा कि समूची प्रक्रिया पांच बजे तक पूरी हो जानी चाहिए। न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान गुप्त मतदान नहीं हो और विधानसभा की पूरी कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जाए।