मुंबई: शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन के पास महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 165 विधायकों का समर्थन है और उन्होंने कहा कि भाजपा का राकांपा से अजित पवार को तोड़ने का ‘‘दांव’’ उस पर ही भारी पड़ेगा। पत्रकारों से बातचीत में राउत ने आरोप लगाया कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अजित पवार द्वारा दिखाए ‘‘फर्जी’’ दस्तावेजों के आधार पर भाजपा के देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में नयी सरकार के गठन की इजाजत दी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को बहुमत साबित करने के लिए 30 नवंबर की समयसीमा केवल इसलिए दी गई ताकि दल बदल कराया जा सके।

राउत ने कहा, ‘‘शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के पास 165 विधायक हैं। अगर राज्यपाल पहचान परेड के लिए बुलाते हैं तो दस मिनट में हम अपना बहुमत साबित कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि अजित पवार ने जन नेता शरद पवार के साथ विश्वासघात करके ‘‘अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी भूल’’ की है। राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘अजित पवार को राकांपा से तोड़ना भाजपा का आखिरी दांव है जो उस पर भारी पड़ेगा।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि अजित पवार ने अपनी पार्टी के विधायकों को ‘‘भ्रम’’ में रखा और ज्यादातर विधायक राकांपा खेमे में लौट आए हैं।

राउत ने यह भी कहा कि 23 नवंबर का दिन महाराष्ट्र के इतिहास में ‘‘काला शनिवार’’ था। शिवसेना नेता ने कहा कि भाजपा को इंदिरा गांधी द्वारा लगाए आपातकाल को ‘‘काला दिवस’’ कहने का कोई अधिकार नहीं है। राउत ने पूछा, ‘‘अगर भाजपा के पास बहुमत था तो शपथ ग्रहण इतनी गोपनीयता से क्यों किया गया?’’ उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने भाजपा को ज्यादा वक्त देकर ‘‘पक्षपातपूर्ण तरीके’’ से काम किया।

उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना और राकांपा को 24 घंटे का वक्त दिया गया था और भाजपा को 30 नवंबर तक का समय दिया गया है।’’ भाजपा पर निशाना साधते हुए राउत ने कहा, ‘‘मुझे लगता था कि भाजपा व्यापार जानती है। पार्टी ने सोचा कि अजित पवार 30 से 40 विधायकों को अपने साथ ला सकते हैं लेकिन केवल पांच गए।’’ उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को नुकसान पहुंचाया।