मुंबई: महाराष्ट्र में अजीत पवार के देवेंद्र फड़नवीस सरकार में शामिल होने के फैसले पर शरद पवार ने कहा है कि यह अजीत पवार का निजी फैसला है, एनसीपी का नहीं। यह साफ करना चाहता हूं कि हम इस फैसले का समर्थन नहीं करते हैं।

इस घटनाक्रम पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि अजीत पवार ने जो पाप किया है उससे शरद पवार का कोई लेना-देना नहीं है। एनसीपी चीफ शरद पवार ने दो बार उद्धव ठाकरे फोन किया किया है।

राउत ने कहा, अजीत पवार ने महाराष्ट्र की पीठ में खंजर घोपा, इससे शरद पवार का कोई संबंध नहीं है। यह धोखा महाराष्ट्र की जनता और छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ हुआ है। शुक्रवार की बैठक को लेकर राउत ने बताया, 'कल अजीत पवार बैठक में हमसे बात नहीं कर रहे थे। उनकी बॉडी लैंग्वेज ही अलग थी, शरद पवार को भी यह महसूस हो गया था। वह थोड़ी देर में बाहर चले गए थे और उनका फोन बंद हो गया था।

एनसीपी नेता अजित पवार ने शनिवार सुबह राज भवन में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सुबह एक समारोह में देवेंद्र फड़नवीस के साथ ही अजीत पवार को शपथ दिलाई। इस दौरान केवल आधिकारिक मीडिया ही मौजूद रही।

उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद अजित पवार ने कहा, ‘‘24 अक्टूबर को नतीजे आने से लेकर अब तक कोई पार्टी सरकार नहीं बना पा रही थी। महाराष्ट्र में किसानों के मुद्दों समेत कई दिक्कतें थी इसलिए हमने एक स्थायी सरकार बनाने का फैसला किया।’’ सभी को हैरत में डालने वाले इस शपथ ग्रहण को शरद पवार का राजनीतिक मास्टरस्ट्रोक बताया जा रहा है।