मुंबई: महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनने को लेकर जारी अटकलों के बीच शिवसेना ने एक बार फिर बीजेपी पर निशाना साधा है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में लिखा है कि राज्य में नए समीकरण बनता देखकर कई लोगों के पेट में दर्द शुरू हो गया है। शिवसेना ने साथ ही कहा कि ऐसे श्राप दिए जा रहे हैं कि अगर सरकार बन भी गई तो ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी।

सामना में आगे लिखा गया, 'हम महाराष्ट्र के मालिक हैं और देश के बाप हैं, ऐसा किसी को लगता होगा तो वे इस मानसिकता से बाहर आएं। ये मानसिक अवस्था 105 वालों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। ऐसी स्थिति ज्यादा समय रही तो मानसिक संतुलन बिगड़ जाएगा और पागलपन की ओर यात्रा शुरू हो जाएगी।'

शिवसेना के मुखपत्र के अनुसार, 'कल आए नेता को जनता पागल या मूर्ख साबित करे ये हमें ठीक नहीं लगता। एक तो नरेंद्र मोदी जैसे नेता के नाम पर उनका खेल शुरू है और इसमें मोदी का ही नाम खराब हो रहा है। महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग गया है और राष्ट्रपति शासन लगने के बाद 105 वालों का आत्मविश्वास इस प्रकार झाग बनकर निकल रहा है। मानो मुंबई किनारे के अरब सागर की लहरें उछाल मार रही हों।'

शिवसेना ने साथ ही कहा, 'राष्ट्रपति शासन की आड़ में घोड़ाबाजार लगाने का मंसूबा अब साफ हो गया है। स्वच्छ और पारदर्शी काम करने का वचन देनेवालों का यह झूठ है और ये बार-बार साबित हो रहा है। सत्ता या मुख्यमंत्री पद का अमरपट्टा लेकर कोई जन्म नहीं लेता। खुद को विश्वविजेता कहनेवाले नेपोलियन और सिकंदर जैसे योद्धा भी आए और गए। श्रीराम को भी राज्य छोड़ना पड़ा। औरंगजेब आखिर जमीन में गाड़ा गया। तो अजेय होने की लफ्फाजी क्यों?'

बता दें कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर अब भी कयास ही लगाये जा रहे हैं। हालांकि, सूत्रों के अनुसार शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस में एक सहमति बन चुकी है। आज तीनों पार्टियों का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर सकता है। इसके बाद सरकार को लेकर तस्वीर साफ हो सकती है। हालांकि, तीनों पार्टियों की ओर से कहा गया है कि यह मुलाकात वर्षा प्रभावित किसानों के लिए तत्काल सहायता मांगने के लिए है, न कि सरकार गठन को लेकर।