भाजपा को अब भी शिवसेना की वापसी की उम्मीद

मुंबई: महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के बीच शिवसेना , कांग्रेस और एनसीपी के बीच सरकार बनाने की कोशिशें लगातार जारी हैं। खबर है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर तीनों ही दलों के बीच एक राय बन गई है। सूत्रों के मुताबिक शिवसेना को पूरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री पद मिल गया है जबकि एनसीपी को 14 और कांग्रेस को 12 मंत्रीपद दिए जाने पर फैसला किया गया है। खबर है कि शिवसेना के खाते में 14 मंत्री पद आए हैं। उधर भाजपा को अब यक़ीन हैं कि शिवसेना उसके साथ वापस आएगी और दोनों मिलकर सरकार बनाएंगे|

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच बैठकों का दौर जारी है। गुरुवार को हुई इस बैठक में तीनों ही पार्टियों के दिग्गज नेता शामिल हुए। जानकारी के मुताबिक शिवसेना की तरफ से एकनाथ शिंदे , कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण, एनसीपी नेता छगन भुजबल शामिल हुए। इस बैठक के बाद शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने मीडिया से बताया कि तीनों पार्टियों के बीच कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर चर्चा हुई और इसका एक ड्राफ्ट भी तैयार किया गया है।

अब खबर मिल रही है कि इन तीनों पार्टियों के बीच न्यूनतम साझा कार्यक्रम को लेकर सहमति बन गई है। अब तक जिन मुद्दों पर सहमति की जानकारी मिली है उनमें किसान कर्जमाफी, फसल बीमा योजना की समीक्षा, रोजगार और छत्रपति शिवाजी महाराज और बीआर अंबेडकर स्मारक शामिल हैं।

उधर भाजपा को लगता है कि देर-सबेर वह महाराष्ट्र में सरकार बना लेगी। सरकार बनाने के लिए राकांपा और कांग्रेस से बातचीत कर रही शिवसेना अपनी कोशिश में कामयाब हो भी जाती है तो भी बेमेल गठबंधन वाली सरकार ज्यादा दिन नहीं चलेगी और देर-सबेर सरकार बनाने के लिए उसे ही आगे आना होगा।

हालांकि वह इस मामले में कोई जल्दबाजी भी नहीं दिखना चाहती। भाजपा मान रही है कि ऐसी स्थिति में शिवसेना और दूसरे दलों के कुछ विधायक उनका साथ छोड़ सकते हैं। भाजपा के एक केंद्रीय पदाधिकारी ने कहा राज्य की जनता ने भाजपा-शिवसेना गठबंधन को सरकार बनाने का जनादेश दिया, लेकिन शिवसेना राकांपा-कांग्रेस के साथ जाकर इसका उल्लंघन कर रही हैं। शिवसेना ने जिस तरह का रुख अपनाया है, इस पर जनता की नजर है।